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दुपएसिए णं भंते! खंधे पुच्छा, गो०! दुपएसिए खंथे सिय चरमे नो अचरमे सिय अवत्तव्वए, सेसा भंगा पडिसेहेयव्वा, तिपएसिए णं भंते०! पुच्छा, गो०! तिपएसिए खंधे सिय चरमे नो अचरमे सिय अवत्तव्वए नो चरमाइं नो अचरमाई नो अवत्तव्वयाई नो चरमे य अचरमे य नो चरम य अचरमाइं च सिय चरमाइं च अचरमे य नो चरमाइं च अचरमाइं च सिय चरमे य अवत्तव्वए य, सेसा भंगा पडिसेहेयव्वा, चउपएसिए णं भंते! खंधे पुच्छा, गो०! चउपएसिए णं खंधे सिय चरमे नो अचरमे सिय अवत्तव्वए नो चरमाई नो अचरमाई नो अवत्तव्वयाई नो चरमे य अचरमे य नो चरमे य अचरमाइं च सिय चरमाई अचरिमे य सिय चरमाई च अचरमाइंच सिय चरमे य अवतव्वए य सिय चरमे य अवत्तव्ल्याई च नो चरमाई च अवतव्वए य नो चरमाइंच अवत्तव्क्याई च नो अचरमे य अवत्तव्वए य नो अचरम य अवत्तव्वयाइं च नो अचरमाइं च अवत्तव्वए य नो अचरिमाइं च अवत्तव्याई च नो चरम य अचरिमेय अवतव्वा य नो चरिमे य अचरिमेय अवत्तव्क्याईच नो चरमे य अचरमाईच अवत्तव्वए यन चरमे य अचरमाइं च अवत्तव्वयाई च सिय चरमाइं च अचरिमे य अवत्तव्वए य, सेसा भंगा पडिसेहेयव्वा, पंचपएसिए णं भंते! खंधे पुच्छा, गो०! पंचपएसिए खंधे सिय चरमे नो अचरमे सिय अवत्तव्वए णो चरमाई णो अचरमाई नो अवत्तव्वयाई सिय चरम य अचरम य नो चरम य अचरमाइंच सिय चरमाइंच अचरमे य सिय चरमाईच अचरमाइंच सिय चमे य अवतव्वए य सिय चरमे य अवत्तव्वयाई च सिय चरमाई च अवत्तव्वए य नो चरमाई च अवत्तव्वयाई च नो अचरमे य अवत्तव्वए य ॥ श्री प्रज्ञापनोपांगम् ॥
पू. सागरजी म. संशोधित
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