SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 220
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalashsagarsuri Gyanmandir विमाणे सूरंसि सीसि तहेव सव्वेसिपि गहाईणं चत्तारि अगमहिसीओ० तं०-विजया वेजयंती जयंती अपराजिया, तेसिंपिा तहेव १२०५। चंदा रेणं भंते! देवाणं केवतियं कालं ठिती पं० ?, एवं जहा ठितीपए तहा भाणियव्वा जाव ताराणं ।२०६। एतेसिंगं भंते! चंदिमसरियगहणक्खत्ततारारूवाणं कयरे कयरेहिंतो०?, गो०! चंदिमसरिया एते णं दोषिणवि तल्ला सम्वत्थोव संखेनगुण॥ णक्खता संखेजगुणा गहा संखेजगुणाओ तारगाओ २०७। जोइसुद्देसओ सभत्तो ॥ कहिं गं भंते! वेमाणियाणं देवाणं विमाणा पं० कहिं णं भंते! वेमाणिया देवा परिवसंति?, जहा ठाणपदे तहा सव्वं भाणियव्वं णव परिसाओ भाणितव्याओ जाव सके, अन्नेसिं च बहूणं सोधम्मकप्पवासीणं देवाण य देवीण य जाव विहरति ।२०८। सक्कस्स णं भंते! देविंदस्स देवर नो कति परिसाओ पं०?, गो०! तओ परिसाओ पं० २०-समिता चंडा जाता, अभितरिया समिया मझिमिया चंडा बाहिरिया जाता, सक्कस्स णं भंते! देविंदस्स देवत्रो अभितरियाए परिसाए कति देवसाहस्सीओ पं०?, मझिमियाए परि० तहेव बाहिरियाए, पच्छा, गो०! सकस्स देविंदस्स देवरन्नो अभितरियाए परिसाए बारस देवसाहस्सीओ पं० मज्झिमियाए परिसाए चउदस देवसाहस्सीओ पं० बाहिरियाए परिसाए सोलस देवसाहस्सीओ पं०, तहा अभितरियाए परिसाए सत्त देवीसयाणि मझिमियाए छच्च देवीसयाणि बाहिरियाए पंच देवीसयाणि पं०, सक्कस्स णं भंते! देविंदस्स देवरत्रो अभितरियाए परिसाए देवाणं केवइयं कालं ठिई पं०? एवं मज्झिमियाए बाहिरियाएवि, गो०! सकस्स देविंदस्स देवरन्नो अभितरिया परिसाए पंच पलिओवभाई ॥श्री जीवाजीवाभिगम् ॥ | २१० पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal
SR No.021016
Book TitleAgam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages267
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_jivajivabhigam
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy