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। पच्चीसवइ त्ता वामं जाणुं अंचेइ त्ता दाहिणं जाणुं धरणितलंसि निहटु तिक्खुत्तो मुद्धाणं धरणितलंसि निवाडेइ ना ईसिं पच्चुण्णमइ त्ता करयलपरिग्गहियं० सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कटु एवं व०-नमोऽत्थु णं अरहताणं जाव संपत्ताणं, वंदइ नमसइ त्ता जेणेव देवच्छंदए० जेणेव सिद्धायतणस्स बहुमझदेसभाए तेणेव उवागच्छइ त्ता लोमहत्थगं परामुसइ त्ता सिद्धायतणस्स बहुमझदेसभागं लोमहत्येणं पमजति दिव्वाए दगधाराए अब्भुक्खेइ सरसेणं गोसीसचंदणेणं पंचंगुलितलं मंडलगं आलिहइ त्ता कयग्गाहगहिय जाव पुंजोवयारकलियं करेइ ना धूवं दलयइ जेणेव सिद्धायतणस्स दाहिणिल्ले दारे तेणेव उवागच्छति त्ता लोमहत्थगं परामुसइ त्ता दारचेडीओ य सालभंजियाओ य वालरूवए य लोमहत्थएणं पमजइ त्ता दिव्वाए दगधाराए अब्भुक्खेइ त्ता सरसेणं गोसीसचंदणेणं चच्चए दलयइ ना पुष्फारुहणं जाव आभरणारुहणं करेइ त्ता आसत्तोसत्त जाव धूवं दलयइ त्ता जेणेव दाहिणिल्ले दारे मुहमंडवे जेणेव दाहिणिल्लस्स मुहमंडवस्स बहुमझदेसभाए तेणेव उवागच्छइ त्ता लोमहत्थगं परामुसइ त्ता बहुमझदेसभागं लोमहत्थेणं पमज्जा त्ता दिव्वाए दगधाराए अब्भुक्खेइ त्ता सरसेणं गोसीसचंदणेणं पंचंगुलितलं मंडलगं आलिहइ त्ता क्यग्गाहगहिय जाव धूवं दलयइ त्ता जेणेव दाहिणिलस्स मुहमंडवस्स पच्चथिमिल्ले दारे तेणेव उवागच्छइ त्ता लोमहत्थगं परामुसइत्ता दारचेडीओय सालिभंजियाओ य वालरूवए य लोमहत्थेणं पमजइ त्ता दिव्वाए दगधाराए० सरसेणं गोसीसचंदणेणं चच्चए दलयइ त्ता पुष्फारुहणं जाव आभरणारुहणं करेइ त्ता आसत्तोसत्त० कयगाहग्गहिय० धूवं दलयइ त्ता जेणेव दाहिणिल्लमुहमंडवस्स उत्तरिल्ला खंभपंती तेणेव श्री राजप्रश्रीयोपांगम् ॥
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पू. सागरजी म. संशोधित
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