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दुयं नट्टविहिं उवदंसंति अप्पे० विलंबियणट्टविहिं० अप्पे० दुतविलंबियं णट्टविहिं० एवं अमे० अंचियं नट्टविहिं उवदंसेंति अप्पे० रिभियं नट्टविहिं अपे० अंचियरिभियं एवंआरभडं भसोलंआरभडभसोलं उपयनिचयपमत्तं संकुचियपसारियं रियारियं भंतसंभतणाम दिव्वंणविहिं उवदंसेंति, अप्पे० चविहं अभिणयं अभिणयंति, तं०-दिद्वंतियं पाडंतियं सामंतोवणिवाइयं लोगअंतोमज्झावसाणियं, अप्पेगतिया देवा बुक्कारेंति अप्पे० पीणेति अप्पे० वासंति अप्पे० हक्कारेंति अप्पे० विणंति अप्पे० तंडवेंति अप्पे० वगंति अप्पे० अप्फोडेंति अप्पे० अप्फोडेंति वगंति अप्पे० तिवई छिंदंति अप्पे० हयहेसियं करेंति अप्पे० हथिगुलगुलाइयं० अप्पे० रहघणघणाइयं० अप्पे० हयहेसियहत्थिगुलगुलाइय रहघणघणाइयं० अप्पे० उच्छोलेंति अप्पे० पच्छोलेंति अप्पे० उक्विट्ठियं करेंति अप्पे० तित्रिवि अप्पे० ओवयंति अप्पे० उम्पयंति अप्पे० परिवयंति अप्पे० तित्रिवि अप्पे० सीहनायंति अप्पे० पादंददरयं अप्पे० भूमिचवेडं दलयंति अप्पे० तित्रिवि अप्पे० गजति अप्पे० विजुयायंति अप्पे० वासं वासंति अप्पे० तित्रिवि करेंति अपे० जलंति अमे० तवंति अमे० पतवेंति अप्पे० तित्रिवि अप्पे० हकारेंति अप्पे० थुक्कारेंति अप्पे० धक्कारेंति अप्पे० साई २ नामाइं साहेति अप्पे० चत्तारिवि अप्पेगइया देवा देवसत्रिवायं करेंति अप्पे० देवुज्जोयं करेंति अप्पे० देवुकलियं करेंति अध्ये० देवकहकहगं करेंति अपे० देवदुहदुहगं करेंति अप्पे० चेलुक्खेवं करेंति अप्पे० उप्पलहत्थगया जाव सयसहस्सपत्तहत्थगया अपे० कलसहत्थगया जाव धूवकडुच्छयहत्थगया हतुटुजावहिय्या सव्वतो समंता आहावंति परिधावंति, तए णं सूरियाभं देवं चत्तारि सामाणियसाहस्सीओ जाव सोलस ॥ श्री राजप्रश्रीयोपांगम्
पू.सागरजी म. संशोधित
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