________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir संस्कार मभिभूतिपुर्ध्यात्॥७॥ आन इन्द्रौदूरादान आसादमिष्टिरुदवसेवामदुम // ओ-| मास्कर |जिष्टेभिर्नृपतिर्बज्वबाहु सङ्ग्रेसमत्सुतुर्वणिः पृतन्यून्॥८॥आन : इन्द्रोहरिभिर्याव च्छा चीनो बसेराधसेच॥तिष्ठातिबज्जीमुघवाधिरप्सीमन्यज्ञमनोबाजेसाती॥९॥ वातारमिन्द्र० // 10 // इमम्मेवरुणश्रुधीहवमुद्यामृडय॥ वामवस्युराके॥११॥ त] खायामि०॥१२॥खन्नोऽअमे०॥१३॥ सत्वन्नौ अमे०॥१४॥ उर्दुत्तमम्बरुण-॥१५॥ वरुणस्योत्तम्भ // 16 // पातरमिम्मानरिन्द्र हवामहेप्रातर्मिवाधरुणापातचि // 17 // ना॥प्रातर्भगम्यूषणम्ब्रह्मणस्पतिम्पातःसोम॑मृतरुद्रर्ट हुवेम ॥१७॥भगप्रणेतर्म For Private and Personal Use Only