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| मेहस्स अणगारस्स अगिलाए वेयावडियं करेंति, तते णं से मेहे अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स तहारूवाणं थेराणं अंतिए । सामाइयमाइयाई एक्कारस, अंगाई अहिज्जित्ता बहुपडिपुन्नाई दुवालस वरिसाई सामन्नपरियागं पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं| झोसेत्ता सद्वि भत्ताई अणसणाए छेदेत्ता आलोतियपडिक्कते उद्धियसले समाहिपत्ते आणुपुव्वेणं कालगए, तते णं ते थेरा भगवंतो मेहं अणगारं आणुपुव्वेणं कालगयं पासेति त्ता परिनिव्वाणवत्तियं त्ता काउस्सग्गं करेंति त्ता मेहस्सा आयारभंडयं गेण्हंति ता विउलाओ पव्वयाणो सणियं २ पच्चोरुहंति जेणामेव गुणसिलए चेइए जेणामेव समणे भगवं महावीरे तेणाणेव उवागच्छंति त्ता समणं ३ वंदंति नमसंति त्ता एवं क्यासी एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी मेहे णामं अणगारे पगइ भद्दए जाव विणीते से णं देवाणुम्पिएहिं अब्भणुनाए समाणे गोतमातिए समणे निग्गंथे निग्गंथीओ य खामेत्ता अम्हेहिं सद्धिं विउलं पव्वयं सणियं २ दुरूहति त्ता सयमेव मेघघणसन्निगासं | पुढवीसिलं पट्टयं पडिलेहेति ता भत्तपाणपडियाइक्खिते अणुपुव्वेणं कालगए, एस णं देवाणुम्पिया ! मेहस्स अणगारस्स आयारभंडए ||३५ । भंतेत्ति भगवं गोतमे समणं ३ वंदति नम॑सति त्ता एवं वदासी एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी मेहे णामं अणगारे से णं भंते! | मेहे अणगारे कालमासे कालं किच्चा कहिं उववन्त्रे ?, गोतमादि समणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं एवं व्यासी एवं खलु गोयमा ! मम | अंतेवासी मेहे णामं अणगारे पगतिभद्दए जाव विणीए से णं तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाइयातिं एक्कारस अंगातिं अहिज्जति त्ता बारस भिक्खुपडिमाओ गुणरयणसंवच्छरं तवोकम्मं कारणं फासेत्ता जाव किट्टेत्ता भए अब्भणुन्नाए समाणे गोयमाई थेरे खामेइ
॥ श्रीज्ञानाधर्मकथाङ्गम् ॥
पू. सागरजी म. संशोधित
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