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रायगिहे जाव एवं क्यासी अनउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति जाव परूति एवं खलु केवली जक्खाएसेणं आइस्सति एवं खलु केवली जक्खाएसेणं आतिढे समाणे आहच्च दो भासाओ भासति, तं० मोसं वा सच्चामोसं वा, से कहमेयं भंते ! एवं ?, गोयमा! जण्णं ते अनउत्थिया जाव जे ते एवभाहंसु मिच्छं ते एवभाहंसु, अहं पुण गोयमा! एवमाइक्खामि०-नो खलु केवली जक्खाएसेणं आइस्सति, नो खलु केवली जक्खाएसेणं आतिढे समाणे आहच्च दो भासाओ भासति तं०-मोसं वा सच्चामोसं वा, केवली गं असावजाओ अपरोवधाइयाओ आहच्च दो भासाओ भासति, तं०-सच्चं वा असच्चामोसं वा ।६३३। कतिविहे गं भंते उवही पं०?, गोयमा! तिविहे उवही पं० ०-कम्मोवही सरीरोवडी बाहिरगभंडभत्तोवगरणोवही, नेरइयाणं भंते! पुच्छा, गोयमा! दुविहे उवही पं० तं०-कम्मोवही य सरीरोवडी य, सेसाणं तिविहा उवही एगिंदियवजाणं जाव वेमाणियाणं, एगिदियाणं दुविहे पं० ०-कम्मोवही य सरीरोवही य, कतिविहे णं भंते! उवही पं०?, गोयमा तिविहे वही पं० १०-सच्चित्ते अचित्ते भीसए, एवं नेइयाणवि, एवं निरवसेसं जाव वेमाणियाणं, कतिविहे गं भंते परिग्गहे पं०?, गोयमा! तिविहे परिग्गहे पं० तं०-कम्मपरिग्गहे सरीर परिग्गहे | बाहिरगभंडमत्तोवरणपरिग्गहे, नेरइयाणं भंते!० एवं जहा उवहिया दो दंडगा भणिया तहा परिगहेणवि दो दंडगा भाणियव्वा, कइविहे णं भंते! पणिहाणे पं०?, गोयमा! तिविहे पणिहाणे पं० २०-भणपणिहाणे वइपणिहाणे कायपणिहाणे, नेरझ्याणं भंते! कइविहे पणिहाणे पं०?, एवं चेव, एवं जाव थणियकुमाराणं, पुढवीकाइयाणं पुच्छ।, एगे कायपणिगाणे पं०, एवं जाव
| पू. सागरजी म. संशोधित
| ॥श्रीभगवती सूत्रं॥
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