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उच्चत्तं आउयं च परिवसा, एवं सिद्धिगंडिया निखसेसा भाणियव्वा जाव अव्वाबाहं सोक्खं अणुहवंति सासया सिद्धसेवं भंते ! २ त्ति । ४१८ । सिवो समत्तो ॥श० ११३०९॥
रायगिहे जाव एवं क्यासी कतिविहे णं भंते ! लोए पं०, गोयमा ! चविहे लोए पं० २०-दव्वलोए खेत्तलोए काललो भावलोए, खेत्तलोए णं भंते ! कतिविहे पं०?, गोयमा ! तिविहे पं० ० - अहोलोयखेत्तलोए तिरियलोयखेत्तलोए उड्ढलोयखेतलो। अहोलोयखेत्तलोए णं भंते! कतिविहे पं०?, गोयमा! सत्तविहे ६० तं०- रयणप्पभापुढवीअहेलोयखेत्तलोए जाव अहेसअहोलोयखेत्तलोए,तिरियलोक्खेत्तलो गं भंते! कतिविहे पं०?, गोयमा! असंखेजविहे ० ०-जंबुद्दीवतिरिया लोए जाव सयंभूरमणसमुद्दतिरि चलोयखेत्तलोए, उड्ढलोगखेत्तलोए णं भंते ! कतिवहे पं०?, गोयमा ! पन्नरसविहे पं० साहम्मकप्पउड्ढलोगखेत्तलोए जाव अच्चुयउड्ढ० लोए गेवेजविभाणउड्ढ० लोए अणुत्तरविभाण० ईसिंavढवी उड्ढलोगखेत्तलोए, अहोलोगखेत्तलोए णं भंते! किंसंठिए पं०?, गोयमा! तप्पागारसंठिछए पं०, तिरियलोयखेतलीगणं भंते ! किंसंठिए ५०?, गोयमा! झलरिसंठिए| पं०, उड्ढलोयखेत्तलोयपुच्छा, उड्ढमुइंगाकारासंठिए ५०, लोए णं भंते! किंसंठिए पं०?, गोयमा ! सुपट्टासंठिए लोए पं० ० - हेढा विच्छिन्ने मज्झे संखित्ते जहा सत्तमसए पढभुद्देस। जाव अंत करेंति, अलोए णं भंते ! किंसंठिए पं०?, गोयमा ! झुसिरगोलसंठिए पं०, अहेलोगखेत्तलोए णं भंते! किं जीवा जीवदेसा जीवपएसा?, एवं जहा इंदा दिसा तहेव निखसेसं भाणियव्द जाव अद्धासभए, | ॥श्रीभगवती सूत्र ॥
| पू. सागरजी म. संशोधित
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