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संपुरिवुडे सिवभदं कुमारं सीहासणवरंसि पुरत्थाभिमुहं निसीयावेइ त्ता अट्ठसएणं सोवनियाणं कलसाणं जाव अट्ठसएणं भोमेजाणं|| कलसाणं सब्विड्ढीए जाव खेणं महया २ रायाभिसेएणं अभिसिंचइ त्ता पम्हलसुकुमालाए सुरभिए गंधकासाईए गायाई लूहेइ त्ता सरसेणं गोसीसेणं एवं जहेव जमालिस्स अलंकारो तहेव जाव कप्परुक्खगंपिव अलंकियविभूसियं करेति त्ता करयल जाव कट्ट| सिवभई कुमारंजएणं विजएण वद्धावेति ता ताहिं इटाहिं कंताहिं पियाहिं जहा उववाइए कोणियस्स जाव परमाउँ पाल्याहि | इट्ठजणसंपरिवुडे हथिणापुरस्स नगरस्स अन्नेसिं च बहूणं गामागरनगर जाव विहराहित्तिकटु जयजयसदं पउंजंति, तए णं से सिवभद्दे कुमारे राया जाए महयाहिमवंत० वण्णओ जाव विहरइ, तए णं से सिवे राया अन्नया कयाई सोभणंसितिहिकरणनक्खत्तदिवसमुहत्तंसि विपुलं असणपाणखाइभसाइमं उवक्खडावेति त्ता मित्तणाइनियगजावपरिजणं रायाणो यखत्तिए य आमंतेति त्ता तओ पच्छ। हाए जाव सरीरे भोयणवेलाए भोयणमंडवंसि सुहासणवरगए तेणं मित्तणातिनियगसयणजावपरिजणेणं राएहि य खत्तिएहि य सद्धि विपुलं असणपाणखाइमसाइभं एवं जहा तामली जाव सकारेतिसंमाणेति त्ता तं भित्तणातिजावपरिजणं रायाणो य खत्तिए य सिवभई चस्याणं आपुच्छइ त्ता सुबहुं लोहीलोहकडाहकडुच्छं जाव भंडगं गहाय जे इमे गंगाकूलगा वाणपत्था तावसा भवंति तं चेव जाव तेसिं अंतियं मुंडे भवित्ता दिसोपोक्खियावसत्तार पव्वइए, पव्वइएऽविय णं समाणे अयमेयारूवं अभिगहं अभिगिण्हइ कप्यइ मे जावजोवाए छटुंतं चेव जाव अभिग्गहं अभिगिण्हइ त्ता पढम छठक्खमणं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ, तए णं से सिवे रायरिसी/ | ॥श्रीभगवती सूत्रं ॥
पू. सागरजी म. संशोधित
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