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वत्तव्यता सव्वेसिं निरवसेसंभाणियवंजाव व वणस्सइकाइयाणं जाव केवतिया वणस्सइकाइया ओगाढा?, अणंता । ४८३। एयंसि | णं भंते ! धम्मस्थिका अधम्मत्थिका० आगासस्थिकायंसि चक्किया केई आसइत्तए वा सइत्तए वा चिद्वित्तए वा निसीइत्तए वा तुइट्टित्तए वा?, नो इणटे सभडे, अणंता पुण तत्थ जीवा ओगाढा, से केण्डेणं भंते! एवं वुच्चइ एतसि णं धम्मस्थि० जाव आगासत्थिकायंसि णो चक्किया केई आसइत्तए वा जाव ओगाढा?, गोयमा! से जहानामएकूडागारसाला सिया दुहओ लित्ता गुत्ता गुत्तदुवारा जहा रायप्पसेणइजे जाव दुवारवयणाई पिहेइ त्ता तीसे कूडागारसालाए बहुमझदेसभाए जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं पदीवसहस्सं पलीवेजा, से नूणं गोयमा ! ताओ पदीवलेस्साओ अन्नमन्नसंबद्धाओ अन्नमन्नपुट्ठाओ जाव अन्नमन० घडताए चिटुंति ?, हंता चिटुंति, चक्किया णं गोयमा ! केई तासु पदीवलेस्सासु आसइत्तए वा जाव तुयट्टित्तए वा ?, भगवं ! णो तिणढे समटे, अणंता पुण तत्थ जीवा ओगाढा, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ जाव ओगाद।।४८४ । कहिं गं भंते ! लोए बहुसमे पं० कहिं गंभंते ! लोए सव्वविगहिए पं० ?, गोयमा! इभीसे रयणप्पभाए पुढवीए उवरिमहेहिलेसु खुड्डागपयरेसु एत्थ णं लोए बहुसमे एत्थ णं लोए सव्वविगहिए पं०, कहिं णं भंते ! विग्गहिए लोए पं०?, गोयमा ! विग्गहकंडए एत्थ णं विग्गहिए लोए पं०।४८५। किंसंठिए णं भंते! लोए पं०?, गोयमा ! सुपइट्टियसंठिए लोए पं० हेट्ठा विच्छिन्ने ज्झे जहा सत्तमसए पुढमुद्देसे जाव अंतं करेति, एयस्स णं भंते! अहेलोगस्स तिरियलोगस्स उड्ढलोगस्स य करे जाव विसेसाहिया वा ?, गोयमा ! सव्वत्थोवे तिरियलोए उड्ढलोए असंखेजगुणे ॥श्रीभगवती सूत्रं ॥
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| पू. सागरजी म. संशोधित
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