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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir _ 'पुढवी १ देव २ मणंतर ३ पुढवी ४ आहारमेव ५ उववाए ६। भासा ७ कम ८ अणगारे केयाधडिया ९ समुग्धाए १० ॥७३॥|| रायगिहे जाव एवं व्यासी कतिणं भंते ! पुढवीओ पं०?, गोयमा ! सत्त पढवीओ पं० २०-रयणप्पभा जाव अहेसत्तमा, इमीसेणं भंते! रयणप्यभाए पुढवीए केवतिया निरयावाससयसहस्सा पं०?, गोयमा ! तीसं निरयावाससयसहस्सा पं०, ते णं भंते ! किं संखेजवित्थडा असंखेजवित्थडा?, गोयमा! संखेजवित्थडावि असंखेजवित्थडावि, इमीसे णं भंते! रयणप्यभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेजवित्थडेसु नरएसु एगसमए केवतिया नेरइया उववनंति केवतिया काउलेस्सा उक्वजंति केवइया कण्हपक्खिया उववज्जति केवतिया सुक्कपक्खिया उववजंति केवतिया सन्नी उववजंति केवतिया असन्नी उववजंति केवतिया भवसिद्धीया उक्० केवतिया अभवसिद्धीया उवव० केवतिया आभिणिबोहियनाणी उव० केवइया सुयनाणी उव० १० केवइया ओहिनाणी उववजंति केवइया मइअन्नाणी उवव० केवइया सुयअन्नाणी उव० केवइया विभंगनाणी उवव० केवइया चक्खुदंसणी उव० केवइया अचक्खुदंसणी उक्व० केवड्या ओहिदसणी उवव० केवइया आहारसन्नोवउत्त। उवव० केवड्या भयसनोवउत्त। उव० केवइया मेहुणसनोवउत्ता उवव० २० केवइया परिग्गहसनोवउत्ता उवव० केवइया इत्थीवेयगा उवव० केवइया पुरिसवेदगा उवव० केवइया नपुंसगवेदगा उवव० केवइया कोहकसाई उवव० जाव केवइया लोभकसायी उवव० केवइया सोइंदियउवउत्ता उव० जाव केवइया फासिंदियोवउत्ता उव० ३३ केवइया नोइंदियोवउत्ता उव० केवतिया मणजोगी उवव० केवतिया वइजोगी उवव० केवतिया कायजोगी उवव० केवतिया ॥ श्रीभगवती सूत्र ॥ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal Use Only
SR No.021006
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 02 Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages283
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size17 MB
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