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समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ त्ताजाव नमसित्ता एवं वदासी आलित्ते णं भंते! लोए पलित्ते णं भंते ! लोए|| | आलित्तपलितेणंभंते ! लोए जराए भरणेणय, से जहानामए केइ गाहावती आगारंसिझियायमाणंसिजेसे तत्थ भंडे भवइ अप्पसारे मोल्लगरूए तंगहाय आयाए एगंतमंत अवकभइ, इसमे नित्थारिए समाणे पच्छा पुरा हियाए सुहाए खमाए निस्सेयसाए आणुगामियत्ताए। भविस्सइ,एवामेव देवाणुष्मिा ! मन्झविआया एगेभंडे इढे कंते पिए मणुन्ने मणामेथेने वेसासिए संभए बहुभए अणुमए भंडडगसमाणे माणंसीयं माणं उण्हं माणंखुहा माणं पिवासामाणं चोरामाणंवालामाणं दंसा माणंमसगामा णं वाइयपित्तियसंभियसंनिवाइयविविहा रोगायंका परीसहोवसग्गा फुसंतुतिकटु एस मे नित्थारिए समाणे परलोयस्स हियाए सुहाए खमाए नीसेयसाए आणुगामियत्ताए भविस्सइ, तं इच्छामिणं देवाणुप्पिया ! सयमेव पव्वावियं सयमेव मुंडावियं सयमेव सेहावियं सयमेव सिक्खावियं सथमेव आयारगोथर विणयवेणइयचरणकरणजायामायावत्तियं धम्ममाइक्खिअंतए णं समणे भगवं महावीरे खंदयं कच्चायणस्सगोत्सयमेव पव्वावेई जाव धम्ममातिक्खइ, एवं देवाणुप्पिया ! गंतव्वं एवं चिद्वियव्वं एवं निसीतिथव्वं एवं तुयट्टियव्वं एवं भुजियवं एवं भासियल एवं उढाए पाणेहिं भूएहिं जीवेहिं सत्तेहिं संजमेणं संजभियव्वं, अस्सिचणं अटे णो किंचिवि पभाइयव्वं, तए णं से खंदए कच्चायणस्सगोत्ते | सभणस्स भगवओ महावीरस्स इभं एयारूवं धम्भियं उवएसं सम्भं संपडिवजति तमाणाए तह गच्छइ तह चिट्ठइ तह निसीयति तह | तुयट्टइ तह भुंजइ तह भासइ तह उट्ठाय २ पाणेहिं भूएहिं जीवेहि सत्तेहिं संजमेति, अस्सि चणं अट्ठे णो पभायइ, तए णं से खंदए ॥ श्रीभगवती सूत्र ॥
पू. सागरजी म. संशोधिता
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