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| नो गुरुयलहुए अगुरुय लहुए, सत्तमे णं भंते! तणुवाए किं गुरुए लहुए गुरुयलहुए अगुरुयल हुए?, गोयमा ! नो गुरुए नो लहुए | गुरुयल हुए मो अगुरुयल हुए, एवं सत्तमे घणवाए सत्तमे घणोदही सत्तमा पुढवी, उवासंतराई सव्वाई जहा सत्तमे ओवासंतरे, जहा तणुवाए एवं 'ओवास वाय घणउदहि पुढवी दीवा य सागरा वासा (१७-१८) । नेरइया णं भंते ! किं गुरुया जाव अगुरुयलहुया ?, गोयमा! नो गुरुया नो लहुया गुरुयलहुयावि अगुरुलहुयावि से केणट्टेणं०?, गोयमा ! वेउव्वियतेयाइं पडुच्च नो गुरुया नो लहुया गुरुयलहुया नो अगुरुलहुया, जीवं च कम्मणं च पडुच्च नो गुरुया नो लहुया नो गुरुयलहुया अगुरुयलहुया, से तेणट्टेणं०, जाव वैमाणिया, नवरं णाणत्तं जाणियव्वं सरीरेहिं, धम्मत्थिकाए जाव जीवत्थिकाए चउत्थपएणं, पोग्गलत्थिकाए णं भंते ! किं गुरुए लहुए गुरुथलहुए अगुरुयलहुए ?, गोयमा ! णो गुरुए नो लहुए गुरुयलहुए ऽवि अगुरुयल हुए वि, से केणट्टेणं, ?, गोयमा ! गुरुयलहुयदव्वाइं पडुच्च नो गुरुए नो लहुए गुरुयलहुए नो अगुरुयलहुए, अगुरुयलह यदव्वाइं पडुच्च नो गुरुए नो लहुए नो गुरुयलहुए, अगुरुयलहुए समया कम्माणि य चउत्थपदेणं, कण्हलेसा णं भंते! किं गुरुया जाव अगुरुयलहुया ?, गोयमा ! नो गुरुया नो लहुया गुरुयलहुयावि अगुरुयलहुयावि से केणट्टेणं. ?, गोयमा ! दव्वलेसं पडुच्च ततियपदेणं भावलेसं पडुच्च चउत्थपदेणं, एवं जाव सुक्कलेसा, दिट्ठीदंसणनाणअत्राणसण्णा चउत्थपदेणं णेयव्वाओ, हेट्ठिल्ला चत्तारि सरीरा णेयव्वा ततियपदेणं कम्मयं चउत्थयपणं, मणजोगो वइजोगो चउत्थएणं पदेणं कायजोगो ततिएणं पदेणं, सागारोवओगो अणागारोवओगो चउत्थपदेणं, सव्वदव्वा सव्वपएसा सव्वपज्जवा
॥ श्रीभगवती सूत्रं ॥
पू. सागरजी म. संशोधित
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