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यकडा जा यकजइ जाय जिस्सइ सव्वा सा आणुपुद्धि कडा नो अणाणुपुब्धि कडत्ति वत्तव्यं सिया, अस्थि णं भंते ! नेरइयाणं|| पाणाइवायकिरिया जइ?, हंता अस्थि, सा भंते ! किं पुछा कजइ अढा कज्जइ जाव नियमा छदिसिं कजइ, सा भंते ! किं कडा
जइ अकडा जइ ?,तं चेव जाव नो अणाणुपुद्वि कडत्ति वत्तव्यं सिया, जहा नेरइया तहा एगिदिश्वजा भाणियव्वा, जाव वेमाणिया, एगिदिया जहा जीवा तहा भाणियव्या, जहा पाणाइवाए तहा मुसावाए तहअदिनादाणे मेहुणे परिश्गहे कोहे जाव मिच्छादसणसल्ले, एवं एए अद्वारस चवीसं दंडगा भाणियव्वा, सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं जाव विहरति १५३॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी रोहे नाम अणगारे पगइभद्दए पगइभए पगइविणीए पगइउवसंते गइपयणुकोहमाणमायालोभे मिउमदवसंपन्ने अलीणे भद्दए विणीए समणस्स भगवओ महावीरस्म अदूरसामते उड्ढेजाणू अहोसिरे झाणकोहोवगए संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणे विहरइ, तए णं से रोहे कामं अणारे जायसड्ढे जाव पज्जुवासमाणे एवं वदासी पुब्विं भंते ! लोए पच्छ। अलोए पुब्बि अलोए पच्छ। लोए ?, रोहा ! लोए य अलोए य पुविऽयेते पच्छाऽपेते दोऽवि एए सासया भावा, अणाणुपुव्वी एसा रोहा !, पुब्दि भंते ! जीवा पच्छा अजीवा पुचि अजीवा पच्छा जीवा?,जहेव लोए य अलोए य तहेव जीवा
अजीवा य, एवं भवसिद्धिया य् अभवसिद्धिया य सिद्धी असिद्धी सिद्धा असिद्धा, पुदि भंते ! अंडए पच्छ। कुकुडी पुदि कुकुडी| पच्छ। अंडए ?,रोहा ! सेणं अंडएकओ?, भयवं ! कुकडीओ,साणं कुक्डीकओ?, भंते ! अंडयाओ,एवामेव रोहा ! से य अंडए ॥ श्रीभगवती सूत्र ।।
(पू. सागरजी म. संशोधित ||
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