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सव्वबंधा तस्स चेव देसबंधया संखेजगुणा वेव्वियसरीरस्स सबंधा असंखेजगुणा तस्स चेव देसबंधगा असंखेजगुणा तेयकम्मगाणं अबंधगा अणतगुणा दोऽवि तुला ओरालियसरीरस सव्वबंधगा अणंतगुणा तस्स चेव अबंधगा विसेसाहिया तस्स वेव देसबंधगा असंखेजगुणा तेयकम्मगाणं देसबंधगा विसेसाहिया वेब्धियसरीरस्स अबंधगा विसेसाहिया आहारगसरीरस्स अबंधगा। विसेसाहिया सेवं भंते ! २ १ ३५१ ॥श०८ ३०९ ॥
रायगिहे नगरे जाव एबं क्यासी अनउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति जाव एवं परूवेंति एवं खलु सील सेयं सुयं सेयं सुयं सेयं सील सेयं (प्र० सील सेयं, सुयं सेयं, सील सेयं सुयं सेयं ) से कहमेयं भंते ! एबं ?, गोयमा ! जत्रं ते अन्नउस्थिया एवमाइक्खंति जाव||
जे ते एवमाहंसु मिच्छ। ते एवमाहंसु, अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि, एवं खलु भए चत्तारि पुरिसजाया पं० २० - ||सीलसंपन्ने हामं एगे णो सुयसंपन्ने सुयसंपन्ने नाम एगे नो सीलसंपन्ने एगे सीलसंपन्नेवि सुयसंपन्नेऽवि एगे णो सीलसंपन्ने नो सुयसंपन्ने, तत्थ णंजे से पढमे पुरिसजाए से णं पुरिसे सीलवं असुयवं, उवरए अविनायधम्मे, एसणं गोयमा ! मए पुरिसे देसाहारए पं०, तत्थ ण जे से दोच्चे पुरिसजाए से गं पुरिसे असीलवं सुयवं, अणुवरए वित्रायथम्भे, एस् णं गोयमा ! भए पुरिसे देसविहिए पं०॥ तत्थ णं जे से तच्चे पुरिसजाए से णं पुरिसे सीलवं सुथ्वं, उवरए विनायथमे, एस णं गोयमा मए पुरिसे सव्वाहए ६०, तात्य जे से उत्थे पुरिसजाए से णं पुरिसे असीलवं असुतवं, अणुवरए अविण्णायथभ्मे, एस गंगोयमा ! भए पुरिसे सव्वविराहा पं०६५२१ ॥ श्रीभगवती सूत्रं ॥1
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पू. सागर जी म. संशोधित
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