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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir एगनाणी केवलनाणी, सोइंदियलद्धियाणं जहा इंदियलद्धिया, तस्स अलद्धियाणं पुच्छ।, गोयमा! नाणीवि अन्नाणीवि, जे नाणी ते || अत्यंगतिया दुन्नाणी अत्थेगतिया एगनाणी जे दुनाणी ते आभिणिबोहियनाणी सुयनाणी जे एगनाणी ते केवलनाणी, जे अन्नाणी ते|| नियमा दुअन्नाणी, तं०-भइअन्नाणी य सुयअनाणी य, चक्खिंदियघाणिदियाणं लद्धियाणं अलद्धियाण २० जहेव सोइंदियस्स, जिमिंदियलद्धियाणं चत्तारिणाणाई तिन्नि य अन्नाणाणि भयणाए, तस्स अलद्धियाणं पुच्छा, गोयमा! नाणीवि अन्नाणीवि, जे नाणी ते नियमा एगनाणी केवलनाणी, जे अन्नाणी ते नियमा दुअन्नाणी, तं० भइअन्नाणी य सुयअनाणी य, फासिंदियलद्धियाणं अलद्धियाणं जहा इंदियलद्धिया य अलद्धियाय ॥ ३१९॥ सागारोवउत्ता णं भंते! जीवा किं नाणी अन्नाणी?, पंच नाणाई तिन्नि अन्नाणाई भयणाए, आभिणिबोहियनाणसागारोवउत्ता णं भंते !o? चत्तारि णागाई भयणाए, एवं सुथनाणसागरोवउत्नावि, ओहिनाणसागारोवउत्ता जहा ओहिनाणलद्धिया, मणपज्जवनाणसागारोवउत्ता जहा मणपज्जवनाणलद्धिया केवलनाणसागारोवउत्त जहा केवलनाणलद्धिया, भइअन्नाणसागारोवउत्ताणं तिन्नि अन्नाणाई भयणाए, एवं सुयअन्नाणसागारोवत्तावि, विभंगनाणसागारोवउत्ताणं तिन्नि अन्नागाइं नियमा, अणागारोवउत्ता णं भंते! जीवा किं नाणी अन्नाणी?, पंच नाणाई तिनि अन्नाणाई भयणाए, एवं चक्खुदंसणअचक्खुदंसणअणागारोवउत्तावि, नवरं चत्तारि गाणाई तिन्नि अन्नाणाई भयणाए, ओहिदसणअणागारोवत्ताणं पुच्छा, गोयमा! नाशीवि अनाणीधि, जे नाणी ते अत्यंगतिया तिन्नाणी अत्थेगतिया चउनाणी, जे तिन्नाणी ते ॥ ॥ श्रीभगवती सूत्र ॥ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal Use Only
SR No.021005
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 01 Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages300
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size6 MB
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