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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org य जहा भिच्छादंसणलद्धी अलद्धी तहेव भाणियम्वं, चरिनलद्धिया णं भंते! जीवा किं नाणी अन्नाणी?, गोयमा ! पंच नाणाई | भयणाएं, तस्स अलद्धियाणं मणपज्जवनाणवज्जाई चत्तारि नाणाई तिनि य अन्नाणाई भयणाए, सामाइयचरितलद्धिया णं भंते! जीवा किं नाणी अन्नाणी?, गोयमा ! नाणी केवलवज्जाई चत्तारि नाणाई भयणाए, तस्स अलद्धियाणं पंच नाणाई तिन्नि य अन्नाणाई। भयणाए, एवं जहा सामाइयचरितलद्धिया अलद्धिया य भणिया एवं जाव अहक्खायचरित्तलद्धिया अलद्धिया य भाणियव्वा, नवरं | अहक्खायचरितलद्धिया पंच नाणाई भ०, चरिताचरितलद्धिया णं भंते! जीवा किं नाणी अन्नाणी?, गोयमा ! नाणी नो अन्नाणी, अत्थेगइया दुण्णाणी अत्थेगतिया तिन्नाणी, जे दुन्नाणी ते आभिणिबोहियनाणी य सुयनाणी य, जे तिन्नाणी ते अभि० सुयनाणी ओहिनाणी, तस्स अलद्धियाणं पंच नाणाई तिन्नि अन्नाणाई भयणाए, दाणलद्धियाणं पंच नाणाई तिन्नि अन्नाणाई भयणाए, तस्स अ० पुच्छा, गोयमा ! नाणी नो अन्नाणी, नियमा एगनाणी केवलनाणी, एवं जाव वीरियस्स लद्धी अलद्धी य भाणियव्वा, बालवीरियलद्रियाणं तिन्नि नाणाई तिन्नि अन्नाणाई भयणाएं, तस्स अलद्धियाणं पंच नाणाइं भयणाए, पंडियवी रियलद्धियाणं पंच नाणाई भयणाए, तस्स अलद्धिया णं मणपजवनाणवजाई तिन्नि णाणाई तिन्नि य भयणाए, बालपंडियवी रियलद्धियाणं भंते! जीवा ०?, तिन्नि नाणाई भयणाए, तस्स अलद्धियागं पंच नापाई तिन्नि अन्नाणाई भयणाए, इंदियलद्धिया णं भंते! जीवा किं नाणी अन्नाणी?, गोयमा ! चत्तारि णाणाई तिन्नि य अन्नाणाई भगणाए, तस्स अलद्धियाणं पुच्छा, गोयमा ! नाणी नो अन्नाणी नियमा ॥ श्रीभगवती सूत्रं ॥ पू. सागरजी म. संशोधित २४१ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private And Personal Use Only
SR No.021005
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 01 Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages300
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size6 MB
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