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ईरियावहिया किरिया कज्जइ उस्सुत्तं रीयमाणस्स संपराइया किरिया कज्जइ, से णं उस्सुत्तमेव रियति से तेणद्वेणं० ॥ २६६ ॥ अहं भंते! सइंगालस्स सधूमस्स संजोयणादोसदुट्टस्स पाणभोयणस्स के अटे पं०?, गोयमा ! जे णं निग्गंथे वा निग्गंथी वा फासुएसणिज्जं असणपाणं० पडिग्गहित्ता मुच्छिए गिद्धे गढिए अज्झोवकने आहारं आहारेति एस णं मोयमा ! सईगाले पाणभोयणे, जेणं निग्गंथे वा निग्गंथी वा फासुएसणिज्जं असणपाण० पडिग्गहित्ता महया २ अप्पत्तियकोह किलामं करेमाणे आहारमाहारेइ एस णं गोयमा ! सधूमे पाणभोयणे, जेणं निग्गंथे वा जाव पडिग्गहेत्ता गुणुष्पायणहेउ अन्नदव्वेणं सद्धिं संजोएत्ता आहारमाहारेइ एस णं गोयमा ! संजोयणादोसदुट्टे पाणभोयणे, एस णं गोयमा ! सइंगालस्स सधूमस्स संजोयणादोसदुट्ठस्स पाणभोयणस्स अट्ठे पं०, अह भंते! वीतिंगालस्स वीयधूमस्स संजोयणादोसविप्पमुक्कस्स पाणभोयणस्स के अड्डे पं०?, गोयमा ! जे णं णिग्गंथो वा जाव पडिग्गहेत्ता, अमुच्छिए जाव आहारेति एस णं गोयमा ! वीतिंगाले पाणभोयणे, जेणं निग्गंथे वा निग्गंथी वा जाव पंडिग्गहित्ता जो महया अम्पत्तियं जाव आहारेइ एस णं गोयमा ! वीयधूमे पाणभोयणे, जेणं निग्गंधे जाव पडिग्गहेत्ता जहा लद्धं तहा आहारमाहारेइ एस णं गोयमा !! संजोयणादोसविप्पभुक्के पाणभोयणे, एस णं गोयमा ! वीतिंगालस्स वीयधूमस्स संजोयणादोसविप्यमुक्कस्स पाणभोयणस्स अट्ठे पं० ॥ २६७ ॥ अह भंते! खेनातिक्कंतस्स कालतिद्वंतस्स भग्गातितस्स पमाणातिक्कतस्स पाणभोयणस्स के अड्डे पं०?, गो० ! जे गं निग्गंथे वा निग्गंधी वा फासुएसणिजं णं असणं० अणुग्गए सूरिए पडिग्गहित्ता उग्गए सूरिए आहारमाहारेति एस णं गोयमा!
॥ श्रीभगवती सूत्रं ॥
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पू. सागरजी म. संशोधित
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