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संवच्छराई,तेण परं जोणी पमिलायइ तेण पर जोणी पविद्धंसइ तेणं पर बीए अबीए भवति, तेण पर जोणीवोच्छेदे पं० समाउसो!, अह भंते! कलायमसूरतिलभुगमासनिम्फावकुलत्थआलिंसदगसतीणपलिमंथगमादीणं एएसिंणं धन्ना जहा सालीणंतहा एयाणवि, नवरं पंच संवच्छराई सेसं तं चेव, अह भंते! अयसिकुसुंभगकोदवकंगुवगरालगकोदूसगसणसरिसवमूलगबीयमादीणं एएसिं गं धन्नाणं० एयाणिवि तहेव, नवरं सत्त संवच्छराइ, सेसं तं चेव॥२४५॥एगभेगम णं भंते! मुहत्तस्स केवतिया ऊसासद्धा वियाहिया?, गोयमा! असंखेजाणंसमयाणं समुदयसमितिसमागमेणंसाएगाआवलियत्ति पवुच्चइ, संखेजाआवलिया ऊसासो संखेजाआवलिया निस्साओ हदुस्म अणवगल्लस, निरुवकिस्स जंतुणो। एगे ऊसानीसासे, एस पाणुति वुच्चति ॥ ४६॥सत पाणि से थोवे, सत्त थोवाई से लवेलवाणं सत्तहत्तरिए, एस मुहत्ते वियाहिए ॥४७॥ तिनि सहस्सा सत्त य सयाई तेवत्तरि च ऊसासा। एस मुहुनो दिवो सव्वेहिं अणंतनाणीहिं ॥४८॥ एएणं मुहत्तपमाणेणं तीस हत्तो अहोरत्तो पत्ररस अहोरत्ता पक्खो दो पक्खा मासो दो मासा उॐ तिन्त्रि उए अयणे दो अयणे संवच्छरे पंचसंवच्छरिए जुगे वीस जुगाई वाससयं दस वाससयाई वाससहस्संसयं वाससहस्साईवाससयसहस्सं चउरासीती वाससयसहस्साणि से एगे पुवंगे चउरासीती पुच्वंगसयसहस्साइं से एगे पुन्चे, एवं तुडियंगे २ अडडंगे २ अववंगे २ हूहूयंगे २ उपलंगे २ एउमंगे २ नलिणंगे २ अच्छणिउरंगे २ अउयंगे २ पयगे २ नउयंगे २ चूलियंगे २ सीसपहेलियंगे सीसपहेलिया एतावताव गणिए एतावताव गणियस्स विस, तेणं परं ओवभिए, से किं तं ओवभिए?, २ दुविहे पं०,०-पलिओवभेय सागरोवमे य, से किं || ॥श्रीभगवती सूत्र ॥
| . सागर जी म. संधित]|||
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