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अणड्ढा अमझा अपदेसा एवं खेत्तादेसेणविकाला० भावादेसेणवि तन्न मिच्छा, तप णं से नारयपुत्ते अणगारे नियंठीपुत्तं अ० एवं|| व्यासी नो खल वयं देवाणपिया! एयमढे जाणापो पासापो, जति ण देवाणुपिया! नो गिलायंति परिकहित्ता तं इच्छामि गं| देवाणुपियाणं अंतिए एयभट्ट सोच्चा निसम्म जाणित्तए, तए णं से नियंठीपुत्ने अणगारे नारयपुत्तं अणगारं एवं क्यासी दव्वादेसेणवि मे अजो! सव्वे पोग्गला सपदेसावि अपदेसावि अणंता खेत्तादेसेणवि एवं चेव कालादेसेणवि० भावादेसेणवि एवं चेव, जे दवओ अपदेसे से खेत्तओ नियमा अध्यदेसे कालओ सिय सपदेसे सिय अपदेसे भावओ सिय सपदेसे सिय अपदेसे जे खेत्तओ अपदेसे से, दचओ सिय सपदेसे सिय अपदेसे कालओ भयणाए भावओ भ्याए, जहा खेतओएवं कालओ भावओ,जेदव्यओ सपदेसेसे खेत्तओ सिय सपदेसे सिय अपदेसे एवं कालओ भावओऽवि, जे खेत्तओ सपदेसे से दब्बतो नियमा सपदेसे कालओ भयणाए भावओ भयणाए, जहा दव्दओ तहा कालओ भावओऽवि, एएसिं णं भंते! पोग्गलाणं दव्यादेसेणं खेत्तादेसेणं कालादेसेणं भावादेसेणं सपदेसाण य अपदेसाण य कयरे जाव विसेसाहिया वा?, नाश्यपुत्ता! सवयोवा पोग्गला भावादेसेणं अपदेसा कालादेसेणं अपदेसा असंखेनगुणा दव्वादेसेणं अपदेसा असंखेजगुणा खेत्तादेसेणं अपदेसा असंखेजगुणा खेत्तादेसेणं चेव सपदेसा असंखेनगुणा दव्वादेसेणं सपदेसा विसेमाहिया कालादेसेणं सपदेसा विसेसाहिया भावादेसेणं सपदेसा विसेसाहिया, नए णं से नास्यपुत्ते अणगारे नियंठीपुत्तं अणगार वंदई नभसई त्ता एयमटुं सम्म विएणं भुजो २ खामेति त्ता संजमेण तवसा अभ्याणं भावेमाणे विहर३ । २२० ॥ ॥ श्रीभगवती सू
५. सागरजी म. संशोधित
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