SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 158
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कम्मं पकरेंति कहनं भंते! जीवा सुभदीहाउयत्ताए कम्मं पकरेंति?, गोयमा ! नो पाणे अइवाइत्ता नो मुसं वइत्ता तहारूवं समणं वा माहणं वा वंदित्ता नमसित्ता जाव पज्जुवासित्ता अन्नयरेणं मणुन्नेणं पीड़कारएणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडिला भेत्ता, एवं खलु जीवा सुभदोहा उयत्ताए कम्मं पकरेंति । २०३ । गाहावइस्स णं भंते! भंडं विक्किणमाणस्स केई भंडं अवहरेजा, तस्स णं भंते! तं भंड अणुगवेसमाणस्स किं आरंभिया किरिया कज्जइ परिग्गहिया० माया० अप० मिच्छा?, गोयमा ! आरंभिया किरिया कज्जइ परि० माया० अपच्च० मिच्छादंसणकिरिया सिय कजड़ सिय नो कज्जइ, अह से भंडे अभिसमन्नागए भवति तओ से पच्छा सव्वाओ ताओ | पयणुई भवंति गाहावतिस्स णं भंते! तं भंडं विक्किणमाणस्स कतिए भंडे सातिज्जेज्जा भंडे य से अणुवणीए सिया गाहावतिस्स णं भंते! ताओ भंडाओ कि आरंभिया किरिया कज्जइ जाव मिच्छादंसणकिरिया कज्जइ?, कइयस्स वा ताओ भंडाओ कि आरंभिया किरिया कज्जइ जाव मिच्छादंसणकिरिया कज्जइ ?, गोयमा ! गाहावइस्स ताओ भंडाओ आरंभिया किरिया कजड़ जाव अपच्चक्खाणिया ||मिच्छादंसणवत्तिया किरिया सिय कज्जइ सिय नो कज्जइ, कतियस्स णं ताओ सव्वाओ पयणुईभवंति, दाहावतिस्स णं भंते! भंड विक्किणमाणस्स जाव भंडे से उवणीएसिया कतियस्स णं भंते! ताओ भंडाओ किं आरंभिया किरिया कज्जति० गाहावइस्स वा ताओ | भंडाओं किं आरंभिया किरिया कज्जति०?, गोयमा ! कइयस्स ताओ भंडाओ हेट्ठिल्लाओ चत्तारि किरियाओ कजंति मिच्छादंसणकिरिया | भयणाए०, गाहावतिस्स णं ताओ सव्वाओ पयणुई भवंति, गाहावतिस्स णं भंते ! भंडं जाव धणे य से अणुवणीए सिया० एयंपिजहा पू. सागरजी म. संशोधित ॥ श्रीभगवती सूत्रं ॥ १४७ For Private And Personal Use Only
SR No.021005
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 01 Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages300
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy