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Acharya Shri Kailasagasari Garmandie
गरहति कायंपेगे पडिसाहरति पावाणं कम्माणं अकरण्याए, तिविहे पच्चक्खाणे पं० तं०- मणसा वेगे पच्चक्खाति व्यसा वेगे|| पच्चक्खाति कायमा वेगे यच्चक्खाइ, एवं जहा गरहा तहा पच्चखाणेवि दो आलावगा भाणियव्वा । १२७॥ ततो रुक्खा पं० २०पत्तोवते पुण्फोवते फलोवते १ एवामेव तओ पुरिसजाता पं००- पत्तोवारुखसामाणा पुष्फोवारुक्खसामाा पलोवारुक्खसामाणा २ ततो पुरिसज्जाया पं० ०-नामपुरिसे ठवणपुरिसे दव्वपुरिसे ३, त्ओ पुरिसज्जाया पं० २०-नाणपुरिसे दंसणपुरिसे चरित्तपुरिसे ४ तओ पुरिसजाया पं००-वेदपुरिसे चिंधपुरिसे अभिलावपुरिसे५,तिविहा पुरिसजाया पं०२०- उत्तमपुरिसामज्झिमपुरिसा जहन्नपुरिसा// ६, उत्तमपुरिसा तिविहा पं० २०- धम्मपुरिसा भोगपुरिसा कम्मपुरिसा, धम्मपुरिसा अरिहंता भोगपुरिसा चक्कवट्टी कम्मपुरिसा वासुदेवा ७, मज्झिमपुरिसा तिविही पं० २०- उग्गा भोगा रायन्ना ८, जहन्नपुरिसा तिविहा पं० तं०- दासा भयगा भातिल्लगा ९११२८तिविहा मच्छ। पं०२०- अंडया पोअया संमुच्छिमा १, अंडगा मच्छा तिविहा पं० २०- इथि पुरिसा णपुंसगा २, पोत्या मच्छा तिविहा पं० २०इत्थी पुरिसा णपुंसगा ३, तिविहा पक्खी पं० २०- अंडया पोअया संमुच्छिमा १, अंडया पक्खी तिविहा पं० ० -इत्थी पुरिसा णपुंसगा २, पोतजा पक्खी तिविही पं०० -इत्थी पुरिसाणपुंसगा ३-६, एवमेतेणं अभिलावेणं उरपरिसप्पावि ३-९ भाणियव्वा, भुजपरिसप्पावि ३-१२,भाणियव्वा ९।१२९ । एवं चेव तिविही इत्थीओ पं० ०- तिरिक्खजोणित्थीओ (प्र० जोणियाओ) मणुस्सित्थीओ देवित्थीओ१,तिरिक्खजोणीओ इत्थीओ तिविहाओ पं० ०- जलचरीओथलचरीओ खहचरीओ, २ मणुस्सित्थीओ ॥ श्रीस्थानाङ्ग सूत्र ॥
| पू. सागरजी म. संशोधित
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