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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandit बादरसंपरायसरागसंजमे दुविहे पं००-पढमसमयबादर० अपढमसमयबादरसं०, अहवा चरिमसमय० अचरिमसमय०, अहवा। बायरसंपरायसरागसंजमे दुविहे पं०२०- पडिवाति चेव अपडिवाति चेव, वीयरागसंजमे दुविहे पं०२०- उवसंतकसायवीयरागसंजमे चेव खीणकसायवीयरागसंजमे चेव उवमंनकायवीयरागसंजमे दुविहे पं०२०- पढमसमयउवसंतकसायवीतरागसंजमे चेव अपढमसमयउव०, अह वा चरिमसमयउवा अचरिमसमयउव०, खीणक सायवीतरागसंजमे दविहे पं०२०छउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे चेव केवलिखीणकसायवीयरागसंजमे चेव, छउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे दुविहे पं० २०सयंबुद्धछउमत्थखीणकसाय० बुद्धबोहियछउमत्थ०, सयंबुद्धछउमत्थ० दुविहे पं०० -पढमसमय० अपढमसमय० अहवा चरिमसमय० अचरिमसमय०, बुद्धबोहियछमत्थखीण. दुविहे पं०२०- पढमसमय० अपढमसमय०, अहवा चरिमसमय० अचरिमसमय०, केवलिखीणकसायवीतरागसंजमे दुविहे पं०२०- सजोगकेवलिखीणकसाय० संजमे अजोगिकेवलि०, सजोगिकेवलिखीणकसाय० संजमे दुविहे पं०२०- पढमसमय० अपढमसमय०, अहवा चरिमसमय० अचरिमसमय०, अजोगिकेवलिखीणकसाय० संजमे दुविहे पं०१०- पढमसमय० अपढमसमय० अहवा चरिमसमय० अचरिमसमय०७२। दुविहा पुढवीकाइया पं०२०-सुहमा चेव बायराचेव १, एवं जाव दुविहा वणस्सइकाइया पं०२०- सुहुमा चेव बायरा चेव ५, दुविहा पुढवीकाइया पं००-प्रज्जत्तगा चेव अपज्जत्तगा चेव ९, एवं जाव वणस्सइकाइया १०, दुविहा पुढवीकाइया पं००-परिणया चेव अपरिणया चेव ११, एवं जाव वणस्सइकाइया १५, | ॥श्रीस्थानाङ्ग सूत्र ॥ | पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal
SR No.021003
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages221
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_sthanang
File Size14 MB
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