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___ से भिक्खू वा अभिकंखिज्जा उवस्मयं एसित्तए अणुपविसित्ता गामं वा जाव रायहाणिं वा, से जं पुण उवस्मयं जाणिज्जा/ सअंडं जाव ससंताणयं तहप्पगारे उक्स्सए नो ठाणं वा सिज वा निसीहियं वा चेइज्जा से भिक्खू वा० सेजं पुण उवस्मयं जाणिजा अप्पंडं जाव अपसंताणयं तहप्पगारे उवस्सए पडिलेहित्ता पमजित्ता नओ संजयामेव गणं वा ३ चेइजा ॥ से जं पुण अवस्सयं जाणिजा अस्सिंपडियाए एगं साहम्मियं समुहिस्स पाणाई ४ समारब्भ समुहिस्स कीयं पामिच्चं अच्छिज्जं अणिसट्टे अभिहडं आहट्ठ चेइए, तहप्पगारे उवस्सए पुरिसंतरकडे वा जाव अणासेविए वा नो ठाणं वा ३ चेइज्जा एवं बहवे साहम्मिया एगं साहम्मिणिं बहवे साहम्भिणीओ ॥से भिक्खू वा० से जं पुण 30 बहवे सभण० वणीमा० पगणिय २ समुद्दिस्स तं चेव भाणियव्वं ॥से भिक्खु वा० से जं० बहवे समण समुद्दिस्स पाणाई ४ जाव चेतिए, तहप्पगारे उवस्सए अपुरिसंतर० कडे जाव अासेविए नो ठाणं वा ३ चेइज्जा, अह पुणेवं जाणिज्जा पुरिसंतरकडे जाव सेविए पडिलेहित्ता २ तओ संजयामेव चेइज्जा ॥ से भिक्खु वा० से जं पुण० अस्संजए भिक्खुपडियाए कडिए वा उकंबिए वा छन्ने वा लित्ते वा घटे वा मढे वासंमढे वा संपधुमिए वा तहप्पगारे उवरस अणासेविए नो ठगणं वा सेज वा निसीहीयं वा चेइज्जा, अह पुण एवं जाणिज्जा पुरिसंतरकडे जाव आसेविए पडिलेहित्ता २ तओ चेइज्जा ।२८७१से भिक्खू वा० से जं पुण उक्स्सयं जा० अस्संजए भिक्खूपडियाए खुड्डियाओ दुवारियाओ महल्लियाओ कुजा, जहा पिंडेसणाए जाव संथारगं संथारिजा बहिया वा निनक्खु तहप्पगारे उवस्सए अपु० नो ठाणं ३, अह पुणेवं, पुरिसंतरकडे आसेविए) ॥श्रीआचाराङ्ग सूत्र।
| पू. सागरजी म. संशोधित
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