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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनुयोगद्वारसूत्र सुयपरिमाणसंखा-अणेगविहा पण्णत्ता, तं जहा-पज्जवसंखा, अक्खरसंखा, संघायसंखा, पयसंखा, पायसंखा, गाहासंखा, सिलोगसंखा, वेढसंखा, निज्जुत्तिसंखा, अणुओगदारसंखा, उद्देसगसंखा, अज्झयणसंखा, सुयक्खंधसंखा, अंगसंखा। से तं कालियसुयपरिमाणसंखा। से किं तं दिट्टिवायसुयपरिमाणसंखा? दिदिवायसुयपरिमाणसंखा-अणेगविहा पण्णत्ता, तं जहा-पज्जवसंखा जाव अणुओगदारसंखा, पाहुडसंखा, पाहुडियासंखा, पाहुडपाहुडियासंखा, वत्थुसंखा। से तं दिट्टिवायसुयपरिमाणसंखा। से तं परिमाणसंखा । से किं तं जाणणासंखा? जाणणासंखा-जो जं जाणइ, तं जहा-सदं सहिओ, गणियं गणिओ, निमित्तं नेमित्तिओ, कालं कालणाणी, वेज्जयं वेज्जो। से तं जाणणासंखा ॥सू०२३२॥ छाया-अथ का सा परिमाणसंख्या ?, परिमाणसंख्या-द्विविधा प्रज्ञप्ता, तद्यथा-कालिकश्रुतपरिमाणसंख्या दृष्टिवादश्रुतपरिमाणसंख्या च । अथ का सा कालिकश्रुतपरिमाणसंख्या ?, कालिकश्रुतपरिमाणसंख्या-अनेकविधा प्रज्ञप्ता, तद्यथा-पर्यायसंख्या, अक्षर संख्या, संघातसंख्या, पदसंख्या, पादसंख्या, गाथासंख्या, श्लोकसंख्या, वेष्टसंख्या, नियुक्तिसंख्या, अनुयोगद्वारसंख्या, उद्देशकसंख्या, अध्ययनसंख्या, श्रुतस्कन्धसंख्या, अङ्गसंख्या । सा एपा कालिकश्रुतपरिमाणसंख्या । अथ का सा दृष्टिवादश्रुतपरिमाणसंख्या ? दृष्टिवादश्रुतपरिमाणसंख्या-अनेकविधा प्रज्ञप्ता, तद्यथा-पर्यवसंख्या यावत् अनुयोगद्वारसंख्या, भाभृतसंख्या, प्राभृतिकासंख्या, प्राभृतपाभृतिकासंख्या, वस्तुसंख्या । सा एषा दृष्टिवादश्रुतपरिमाणसंख्या। सा एषा परिमाणसंख्या । अथ का सा ज्ञानसंख्या यो यत् जानाति, तद्यथा-शब्दं शाब्दिकः गणितं गणिका, निमित्तं नैमित्तिकः, कालं कालज्ञानी, वैद्यकं वैद्यः । सा एषा ज्ञानसंख्या ॥२३२॥ For Private And Personal Use Only
SR No.020967
Book TitleAnuyogdwar Sutram Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1968
Total Pages928
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_anuyogdwar
File Size21 MB
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