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अनुयोगचन्द्रिका टीका सूत्र १४५ द्विनामादिस्वरूपनिरूपणम् ६३५ जोगिए य। अपज्जत्तयसंमुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य। अविससिए गम्भवतियजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए, विससिए पज्जत्तयगम्भवतियजलयरपंचिदियतिरिक्खजोणिए य, अपज्जत्तगभवतिजलयरपंचिंदियतिरिक्ख जोणिए य। अविलेसिए थलयरपंचिंदियतिरिकव जोणिए, विससिए चउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिकखजोणिए य परिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य अविसेसिए चउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्ख जोगिए, विसेसिए सम्मुच्छिमचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य गन्भवतियचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोगिए य। अविसेसिए सम्मुच्छिमचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खनोणिए, विसेसिए पज्जत्तयसंमुच्छिमचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य अपज्जत्तयसंमुच्छिमचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य। अविसेसिए गब्भवतियचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिर, विसेसिए पज्जत्तयगब्भवकतियचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिख जोणिए य अपज्जत्तयगब्भवकंतियचउप्पयथलयरपंचिदियतिरिक्खजोणिए य।अविसेसिए परिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए, विससिए उरपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिकजोगिए य भुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य। एए वि सम्मुच्छिमा पज्जत्तगा अपज्जत्तगा य, गम्भवतिया वि पज्जत्तगा अपज्जत्तगा य भाणियवा।
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