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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir -- - मनुयोगवारसूत्र भानुपूर्वीद्रव्येषु समवतरन्ति, नो अनानुपूर्वीद्रव्येषु समवतरन्ति नो भवक्तव्यकद्रव्येषु समवतरन्ति । एवं द्वावपि स्वस्थाने स्वस्थाने समवतरतः। स एष समवतारः ॥स.९५॥ टीका-से कि तं' इत्यादिअस्य सूत्रस्य व्याख्या कृतमायैवेति ४०९५॥ अथ पश्चमं भेदमनुगमं निरूपयति मूलम्-से किं तं अणुगमे ? अणुगमे अट्ठविहे पण्णत्ते, तं जहा-'संतपयपरूवणया, दवप्पमाणं चखित्तं फुसणा य। कालो य अंतरं भाग भावे अप्पाबहुं नत्थि॥१॥' संगहस्स आणुपुवीदव्वाइं किं अस्थि णत्थि ? नियमा अत्थि, एवं दोन्नि वि ॥१॥ संगहस्स आणुपुत्वीदवाई किं संखिजाइं असंखिजाइं अणंताई? नो संखिजाइं नो असंखिज्जाइं नो अणंताई, नियमा एगो ___ उत्तर-संगहस्स आणुपुत्वीदव्वाइं आणुपुत्वीदव्वेहिं समोयरंति, नो भणाणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरंति, नो अवत्तव्धगदम्वेहिं समोयरंति) संग्रहनय संमत समस्त आनुपूर्वीद्रव्य स्वस्थान रूप भानुपूर्वीद्रव्यों में ही समाविष्ट होते हैं। परस्थान रूप अनानुपूर्वीद्रव्यों में या अवक्तव्यक द्रव्यों में समाविष्ट नहीं होते हैं । (एवं दोन्नि वि सट्टाणेसटाणे समोय. रंति) इसी प्रकार से संग्रहनय संमत अनानुपूर्वीद्रव्य और अवक्तव्यक द्रव्य भी क्रमशः अपने अपने स्थानरूप अनानुपूर्वीद्रव्यों में और भव. क्तव्यकद्रव्यों में समाविष्ट होते हैं। इसकी व्याख्या ८० सूत्र के समानजाननी चाहिये ॥ सू० ९५ ॥ उत्तर-(संगहस्त्र आणुपुत्वीदव्वाई आणुपुत्वीदव्वेहिं समोयरंति, नो अवत्तगदम्वेहि समोयरंति नो अणाणुपुव्वीदव्वेहि समोयरंति) स नयसभत સમસ્ત આનુપૂર્વી દ્રવ્ય સ્વસ્થાન રૂપ આનુપૂવી દ્રવ્યમાં જ સમાવિષ્ટ થાય છે, પરસ્થાન રૂ૫ અનાનુપૂવી દ્રમાં કે અવક્તવ્યક દ્રોમાં સમાવિષ્ટ यता नथी. (एवं दोन्नि वि सहाणे सटाणे समोयरंति ) - प्रमाणे सહનયસંમત અનાનુપૂવી દ્રવ્ય અને અવકતવ્યક દ્રવ્ય પણ અનુક્રમે પિતપતાના રથાનરૂપ અનાનુપૂવ દ્રવ્યમાં અને અવક્તવ્યક દ્રવ્યમાં સમાવિષ્ટ થાય છે. તેનું સ્પષ્ટીકરણ ૮૦માં સૂત્રમાં કહ્યા પ્રમાણે સમજવું. સૂક્ષ્મ For Private and Personal Use Only
SR No.020966
Book TitleAnuyogdwar Sutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1967
Total Pages864
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_anuyogdwar
File Size25 MB
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