________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
तस्ते लालजालं मुञ्चन्ति। तेन निष्पन्न सूत्रं कृमिगगमुच्यते। तच्च रक्तवर्णहामिसमुरम्मत्वात स्वाभाधिकरक्तवर्ण भवति। ...... Friety वालजसुत्ररूप चतुर्थभेदं प्ररूपयति-'बालय' स्यादि । वारज-वाला सिमाणि बालेन्याउरणिकादि लोमभ्या जातम् तत् पञ्चविध प्रज्ञतम प्ररूपितम, स्था-औणिकम्-ऊर्णायण इदमौणि कम् मेष रोमनिष्पन्नम् ॥१॥ ओष्ट्रिकम्-उष्ट्राजामिदम्, औष्ट्रिकम् उष्ट्ररोमनिप्पन्न सूत्रम् ॥२॥ मृगलौमिकम्-मृगराममिनिषावं, मृगलामिकाम् । मृगसघशा मृगेग्यो हत्वाकाग आरण्यजीव विशेषा इह मृग शादेन विवक्षिताः, तेषां रोमभिनिष्पानं सूत्रं मृगलौमिकम् ॥३॥ कोतवम-उम्दु स्रोमनिष्पन्न -सूत्रम् ॥ ४॥ किट्टिसम-औरणिकादिसूत्रनिर्माणानन्तरं यदवशिष्ट' .
काहर निकलते हैं तो वह आसपास के प्रदेश में घूमते हुए वहां अपनी लार छोडते हैं । इस लार से जो मूत्र बनता है वह कृमिराग सूतो कहलाता है। इसकी रक्तवर्णवाले कृमियों से उत्पन्न होने के कारण वर्ण स्वभावतः लाल रहना है। (बालयं पंचविहं पण्णत्त) भेड आदि के बालों से उत्पन्न हुवा मूगका नाम बालन सूत्र है। यह भी पांच प्रकारका है- (तजहा) जैसे+(उण्णिए) मेष आदि के रोम से उत्पन्न हुआ सूत्र और्णिकः (उडिए) अटू के सेम से उत्पन्न हुआ मूत्र औष्ट्रिक (मियलोमिए) मृग के रोम से उत्पना हुभा' मंत्र मुगलोमिक (कोतवे) चूहे के रोम से उत्पन्न हुआ सत्र कौतक (विष्टि से) औणिक आदि सूत्रों के निर्माण करते समय जो बाल इधरउधर निजामाते हैं उसका नाम किट्टिस. है । इस किट्टिस से जो सूत्र बनाया તે પત્રની આસપાસ ભમવા માંડે છે અને તે પાત્ર પર પિતાની લાળ છોડ્યા કરે છે. તે લાળને લેકે એકત્ર કરી લે છે, અને તેમાંથી જે સૂત્ર બનાવવામાં આવે છે. તેને કમિરાગસૂત્ર કહે છે. લાલ વર્ણવાળા કૃમીઓમાંથી ઉત્પન થવાને કારણે તેના રગ સવાભાવિક રતાશને સદૂભાવ હોય છે.
(पालयं पंचविहं पण्णत) बेटा माहिना पाणमांधी पन्न थये। सूत्रनु: नाम '
म सूत्र' छ. तेना पण पाय २ छ (तंजहा) म उणिए) (1) કિ –ઘેટાં આદિના વાળમાંથી બનેલા સત્રને ઔણિક (ઉનનું બનેલું) સુત્ર કહે छ: (उद्विए) (२) मौष्ट्रिय जना माथी 'पन्न येसा सूत्रने गोष्ट्रि'
छ (मियलोमिए) भृगना माथी मनापेक्षा सूत्रने 'भृगसमिसूत्र' हे छ. (कोतवे) (४) २नी २ वाटीमाथी मनावा स्त्रने औत संत्र छे. (किट्टिए) (૫) આરણિક આદિ સૂત્રનું નિર્માણ કરતી વખતે જે વાળ ઉડીને આમતેમ જઈ પડયાં હોય છે તે વાળને “કિદિસ” કહે છે. કિટ્ટિસમાંથી (વેસ્ટમાંથી જે સૂત્ર બના
.
''
For Private and Personal Use Only