SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 359
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अण्हेअओ य भंते, खिण्णम्मि अवडियं, अणुइओ चणए। अंतोहुत्तं अहोमुहं, अहिहाणं वण्णणाए य ॥ २१॥ अवहेयं अणुकंपे, अवत्थरा पायघायम्मि। अवलियं असच्चं, अरिहइ णूणं, अम्माइया य अणुगाए ॥ २२ ॥ अत्थुवडं भल्लाए, छीरे अलियारं, अवलयं गेहे। अवहट्ठो गम्वियए, अणुसूया णियडपसवाए ॥ २३ ॥ अरिअल्ली सहूले, कड्ढणरज्जुम्मि अवयाणं । सिरचित्तपट्टियाए अणराहो, अइणियं च आणीए ॥ २४॥ अहि विण्णा कयसावत्ता, दुद्दतोसहे अलमलो य । अणुसुत्ती अणुकूले, अहोरणं उत्तरिज्जम्मि ॥ २५ ॥ अवडुअ-अवअण्णा उक्खलए, चीरीइ अरलाया। अइरिम्पो कहबंधे, कच्छावत्थम्मि अवअच्छं ॥२६॥ अक्खलियं पडिफलिए, अलीसओ सागरुक्खम्मि। अहिरीओ विच्छाए, अग्गक्खंधो रणग्गधुरा ॥ २७॥ अण्णमयं पुणरुत्ते अंगालियं उच्छुसयलम्मि। अवरोहो अवराहो अ कडीइ, अवालुया सिक्के ।। २८॥ पूरम्मि अग्गवेओ, अहियारो लोगजत्ताए। चोरे अदंसणो, कविकच्छूए अप्पगुत्ता य ॥ २९ ॥ अवगदं उरुम्मि, दिढे अज्झसियं, चंचले अणेकज्झो । गहभयरुण्णे अहिसियं, अवहुसं उक्खलाइम्मि ।। ३०॥ अब्भायत्तो पच्चागयम्मि, अब्भवखणं अजसे। कावालिए अगहणो, अंगुत्थलं अंगुलीयम्मि ॥३१॥ उच्छुयदंतवणछणे अवयारो, अवहडं मुसले । अंगुलिणी फलिणीए, अहिसंधी पुणपुणक्करणे ॥३२॥ ૩૫૨ For Private And Personal Use Only
SR No.020965
Book TitleShastra Sandeshmala Part 24
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2009
Total Pages438
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy