SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 143
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ॥ ५० ॥ ॥५१॥ ॥ ५२ ॥ ॥ ५३॥ ॥५४॥ ॥ ५५ ॥ महाविद्या सिनीवाली रक्तदन्त्येकपाटला। एकपर्णा बहुभुजा नन्दपुत्री महाजया भद्रकाली महाकाली योगिनी गणनायिका। हासा भीमा प्रकूष्माण्डी गदिनी वारुणी हिमा अनन्ता विजया क्षेमा मानस्तोका कुहावती । चारणा च पितृगणा स्कन्दमाता घनाञ्जनी गान्धर्वी कर्बरी गार्गी सावित्री ब्रह्मचारिणी । कोटिश्रीर्मन्दरावासा केशी मलयवासिनी कालायनी विशालाक्षी किराती गोकुलोद्भवा । एकानसी नारायणी शैला शाकम्भरीश्वरी प्रकीर्णकेशी कुण्डा च नीलवस्त्रोग्रचारिणी । अष्टादशभुजा पौत्री शिवदूती यमस्वसा सुनन्दा विकचा लम्बा जयन्ती नकुलाकुला। विलङ्का नन्दिनी नन्दा नन्दयन्ती निरञ्जना कालंजरी शतमुखी विकराला करालिका। विरजाः पुरला जारी बहुपुत्री कुलेश्वरी कैटभी कालदमिनी दर्दुरा कुलदेवता । रौद्री कुन्द्रा महारौद्री कालंगमा महानिशा बलदेवस्वसा पुत्री हीरी क्षेमंकरी प्रभा । मारी हैमवती चापि गोला शिखरवासिनी चामुण्डायां महाचण्डी चण्डमुण्डाप्यथाखुगे । पृश्निगर्भः पृश्निशृङ्गो द्विशरीरस्त्रिधातुक: हस्तिमल्लो विषाणान्तः स्कन्धे तु करवीरकः। सिद्धसेनो वैजयन्तो बालचर्यो दिगम्बरः ॥५६॥ ॥ ५७॥ ॥ ५८ ॥ ।। ५९ ॥ ॥६० ॥ ||६१ ॥ १35 For Private And Personal Use Only
SR No.020965
Book TitleShastra Sandeshmala Part 24
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2009
Total Pages438
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy