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वावी य माघभद्दा, ऽभयसेणा रोहिणी य बोधव्वा । भद्दुत्तरा य भद्दा, सुभद्द भद्दावई चेव सोमणसाओ तीसं, छच्च सहस्से विलग्गिऊण गिरिं । विमलजलकुंडगहणं, हवइ वणं पंडगं सिहरे चत्तारि जोयणसया, चरणउया चक्कवालओ रुंदं । इगतीस जोयणसया, बासट्ठी परिरओ तस्स दुगुणं जोयणवीसं, समुसिया विमलवेरुलियरूवा । मेरुगिरिस्सुवरितले, जिणभवणविभूसिया चूला मूले मज्झे उवरिं, बारस अट्ठ चउरो य विक्खंभो । सत्तत्तीसा पणवीस, बारसा अहिय परिही से जत्थिच्छसि विक्खंभं, चूलियसिहराहि उवइत्ताण । तं पंचहि पविभत्तं चउहि जुयं जाण विक्खंभं जत्थिच्छसि विक्खंभं, चूलियमूला उ उप्पइत्ताणं । तं पणविभत्तमूलिल्ला, सोहियं जाण विक्खंभं सिद्धाययणा वावी, पासाया चूलियाइ अट्ठदिसिं । जह सोमणसे नवरं, इमाणि पोक्खरिणिनामाई पुंडा पुंडप्पभवा, सुरत तह रत्तगावई चेव । खीररसा इक्खुरसा, अमयरसा वारुणी चेव संखुत्तरा य संखा, संखावत्ता बलाहगा य तहा । पुप्फोत्तर पुप्फवई, सुपुप्फ तह पुप्फमालिणिया पंडगवणम्मि चउरो, सिलासु चउसु व दिसासु चुलाए । चउजोयसियाओ, सव्वज्जुणकंचणमयाओ
पंचसयायामाओ, मज्झे दीहत्तणद्धरुंदाओ । चंदद्धसंठियाओ, कुमुओयरहारगोराओ
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