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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ॥ ८४ ॥ सत्तहिया तिण्णि सया, बारस य सहस्स पंच लक्खा य । अवरा य बारस कला, पणुस्सए होइ घणगणियं ॥८१ ॥ सत्तासीई लक्खा, उणत्तीस हिया य बिनवइ सयाइं । अउणावीसइ भागा, चोद्दस वेयड्ढघणगणियं ॥८२॥ कललक्खदुगं ईया-लसहस्सा नव सया य सट्टहिया । सुण्णमवणेउ अंसं, चउ सुण्णग सत्त एग पण ॥८३॥ छेओ चउ अड तिग नव, दुगा य बाहे स उत्तरद्धस्स । गुणिया पणवीसेहिं, पणयालसएहिं होइ इमं कोडिसयं नव कोडी, अउणत्तरि सहस्स लक्ख अडयाला। हिट्ठिल्ले पण सत्तग, तिग पण तिग दुग चऊ डिक्को ॥८५ ॥ छेयहियलद्धमुवरिं, पक्खिव एगट्ठतिसयभइए य । लद्धडसिय अठ्ठ सया, बत्तीस सहस्स तीसं च ।। ८६ ॥ लक्खा बारस य कला, अहिया इक्कारसेहिं भागेहिं । उणवीस छेयकए, दुत्तरभरहद्धपयरं तु कलारासि तिण्णि लक्खा, सत्तासीई सहस्स दो य सया । अडनउया सेसे पुण, चउक्कं उव्वट्टिए अंसा छच्चउ सत्तग नव नव, छेओ इग नव तिग य छ चउ नव । बाहे स चुलहिमवे, पयरं से निययवासगुणं ॥ ८९ ॥ सट्ठि सहस्सा अउणट्ठि लक्ख चउसयरि कोडि सत्त सया। हेट्ठिल्लेइग दुग नव, पण नव अट्ठ सुण्ण चउ ॥९०॥ छेयहियलद्धमुवरिं, पक्खिव एगट्ठि तिसय भइए य । लद्धिगसत्तरि नव सय, छप्पण्ण सहस्स चउद्दस य ॥९१ ॥ लक्खा दु कोडि अट्ठ य, कला उ दस अउणवीस भागा उ। चुल्ल हिमवंतपयरं, घणगणियं उस्सहेण गुणं ॥ ९२॥ ।। ८७॥ ।। ८८॥ ૨૫ For Private And Personal Use Only
SR No.020964
Book TitleShastra Sandeshmala Part 23
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2009
Total Pages430
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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