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कोडाकोडी सण्णंतरंति मण्णंति खित्त थोवतया । केई अण्णे उस्से, हंगुलमाणेण ताराणं किण्हं राहु विमाणं, निच्चं चंदेण होइ अविरहियं । चउरंगुलमप्पत्तं, हिट्ठा चंदस्स तं चरइ तारस्स य तारस्स य जंबुद्दीनम्मि अंतरं गुरुयं । बारस जोयण सहसा, दुण्णेिसया चेव बायाला निसढो य नीलवंतो, चत्तारिसयउच्च पंचसय कूडा । अद्धं उवरि रिक्खा, चरंति उभय? बाहाए छावट्ठा दुण्णिसया, जहण्णमेयं तु होइ वाघाए । निव्वाघाए गुरु लहु, दोगाउ य धणुसया पंच माणुसनगाओ बाहिं, चंदासूरस्स सूरचंदस्स । जोयणसहस्स पण्णास णूणगा अंतरं दिटुं ससिससि रविरवि साहिय, जोयण लक्खेण अंतरं होई । रविअंतरिया ससिणो ससि अंतरिया रखी दित्ता बहियाउ माणुसुत्तरओ, चंदा सूरा अवट्ठिउज्जोया । चंदा अभीइजुत्ता सूरा पुण हुंति पुस्सेहिं उद्धार सागरदुगे, सड्डे समएहिं तुल्ल दीवुदही। दुगुणा दुगुण पवित्थर, वलया गारा पढमवज्जं पढमो जोयण लक्खं, वट्रो तं वेढिउं ठिया सेसा। पढमो जंबुद्दीवो, सयंभूरमणोदही चरमो जंबू धायइ पुक्खर, वारुणिवर खीरघय खोय नंदिसरा । अरुण रुणुवाय कुंडल, संख रुयग भुयग कुसकुंचा पढमे लवणो जलहि, बीए कालो य पुक्खराईसु । दीवेसु हुंति जलही, दीवसमाणेहिं नामेहिं
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