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पढमासीइ सहस्सा, बत्तीसा अट्टवीस वीसा य । अट्ठार सोल अट्ठ य, सहस्स लक्खोवरि कुज्जा सव्वे वीस सहस्सा, बाहुल्लेणं घणोदही नेया । सेसाणं तु असंखा, अहो अहो जाव सत्तमिया नविय फुसंति अलोगं, चउसुं पि दिसासु सव्वपुढवीओ । सगहिया वलएहिं, विक्खंभं तेसिं वृच्छामि छच्चेव अद्ध पंचम, जोयणमद्धं च होइ रयणाए । उदही- घण- तणुवाया, जहासंखेण निद्दिट्ठा तिभागो गाउयं चेव, तिभागो गाउअस्स य । आइ धुवे पक्खेवो, अहो अहो जाव सत्तमिया छस्स विभागा पडणा य, पंच वलयाण जोयणपमाणं । एगं बारस भागा, सत्तकमाबीय पुढवीए
जोयण सत्त तिभागूण, पंच एगं च वलयपरिमाणं । बारस भागा अट्ठउ, तइयाए जहक्कमं नेयं
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सत्त सवाया पंच उ पउणा दो जोयणा चउत्थीए । घणउदहिमाइयाणं, वलयाणं माणमेयं तु अट्ठतिभागूणाई, पउणाई छच्च वलयमाणं तु । छट्ठीइं जोयणं तह, बारस भागा य इक्कारा
अट्ठय छ च्चिय दोण्णि य, घणोदहीमाइयाण माणं तु । सत्तममहीए नेयं, जहासंखेण तिन्हं पि
हिट्ठोवरिं सहस्सं, सड्डा बावण्ण सत्तममहीए । एवं नयविहूणं, सेसेसु निरंतरा नरया तेरिक्कारस नव सत्त, पंच तिण्णेव हुंति इक्को य । पत्थडसंखा एसा सत्तसु विकमेण पुढवीसु
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