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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आरण - अच्चुआओ, गमणागमणं तु देवदेवीणं । तत्तो परं तु नियमा, उभयेसुं नत्थि तं कहवि ॥२७४ ॥ तिण्णि पलिया तिसारा, तेरस सारा य किब्बिसा भणिया। सोहम्मीसाण सणं, -कुमार लंतस्स हिट्ठाओ ॥ २७५ ॥ कप्पेसु आभिओगा, देवा उवरिं न आरणच्चुअओ। लंतग उवरिं नियमा, न होंति देवा उ किब्बिसिया ॥२७६ ॥ सोहम्मि विमाणाणं, छच्चेव हवंति सयसहस्साइं । चत्तारि य ईसाणे, अपरिग्गहियाण देवीणं ॥ २७७ ॥ पलिओवमा इय समयाहिया ठिई जासिं जाव दस पलिया। सोहम्मगदेवीओ, ताओ उ सणंकुमाराणं ॥२७८ ॥ एएण कमेण भवे, समयाहिय दसग पलियवुड्डीए । बंभ महा सुक्काण य, आरणदेवाण पण्णासा ॥२७९ ।। साहियपलियासमयाहिया ठिई जासि जाव पण्णरस । ईसाणगदेवीओ, ताओ माहिंददेवाणं एएण कमेण भवे, समयाहिय दस य पलियवुड्डीए । लंत सहस्सार पाणय, अच्चुअ देवाण पणपण्णा ॥ २८१ ॥ किण्हा नीला काउ, तेउलेसा य भवण-वंतरिया । जोइससोहम्मीसाणा, तेउलेसा मुणेयव्वा ॥ २८२ ।। कप्पे सणंकुमारे, माहिदे चेव बंभलोए य। एएसु पम्हलेसा, तेण परं सुक्कलेसाओ ॥ २८३ ॥ कणगत्तयरत्ताभा, सुरवंसभा दोसु हुंति कप्पेसु । तिसु होति पम्हगोरा, तेण परं सुकिला देवा ॥ २८४ ।। दस वाससहस्साई जहण्णमाउं धरति जे देवा। तेसिं चउत्थाहारो, सत्तहिं थोवेहिं ऊसासो ॥ २८५ ॥ ॥ २८० ॥ ૨૨૦ For Private And Personal Use Only
SR No.020964
Book TitleShastra Sandeshmala Part 23
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2009
Total Pages430
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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