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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org सुभगं सुस्सरमेव य आइज्जजसाण दुण्हमेगयरं । धुवबंधिणीण नवगम्मि मीलिए होइ अडवीसा तित्थयरेगुणतीसा आहारदुगेण होइ पुण तीसा । तित्थयराहारदुगेय मीलिए हवइ इगतीसा नेरइयाणं जग्गा एकच्चिय बज्झए उ अडवीसा | साहे सुराण भणिया नाणत्तं निरयसद्दाई Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वीसा एक्कग चउ पण छ सत्त अट्ठ नवसमहिया वीसा । तीसेगतीस नव अट्ठ उदयट्ठाणाणि बारस उ तेणउई बाणऊई नवट्ठछहिं समहिया असी असिई । नवअट्ठछपण्णत्तरि नवटु बारस वि संताणि ओहेण भणियाई जप्पाउग्गाणि बंधट्ठाणाणि । तह उदसत्ताणिहि वोच्छं चउगइविसेसेण गुत्तीसा तीसा वि य बंधठाणाणि दुण्णि निरयाणं । इगवीस पण्णवीसा सत्तट्ठनवाहिया वीसा उदयद्वाणाणि इमाणि पंच संताणि हुंति पुण तिण्णि । बाणउई य नवासी अट्ठासी तत्थ बंधदुगं जह पुर्व्विं निद्दिद्धं पंचिदियतिरियमणुयपाउग्गं । तह इह विण्णेयं उदयद्वाणाणि पुण वुच्छं तेयइगं कम्मइगं वण्णाइचउक्क अगुरुलहुयं च । थिरमथिरं सुभमसुभं निम्मेण धुवोदया एए निरयगई पंचिदियजाई निरयाणुपुव्वि तसनामं । बायर तह पज्जत्तग दूभग अणइज्जमजसं च बारस धुवोदयाओ इय इगवीसा भवंतरालम्मि । हुंडं वेउव्विदुगं उवघायं तह य पत्तेयं ૧૨૬ For Private And Personal Use Only ॥ ३६ ॥ ।। ३७ ॥ ॥ ३८ ॥ ॥ ३९ ॥ 1180 11 ॥ ४१ ॥ ॥ ४२ ॥ ॥ ४३ ॥ ॥ ४४ ॥ ॥ ४५ ॥ ॥ ४६ ॥ ॥ ४७ ॥
SR No.020964
Book TitleShastra Sandeshmala Part 23
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2009
Total Pages430
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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