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भणियव्वो सेसं पुण तहेव नामस्स एत्थ तेवीसा। पुब्विं भणिया नामस्स पंचवीसाइगहणेणं किर हुंति बहूभागा ईई तेवीसबंधगाणं ति। इय तीसण्हं गाहा वक्खाया तस्समत्तीए भणिया सायाइ परूवणाउ अह उक्कसस्स बंधस्स। तदियर बंधस्सेव य सामित्तं एत्थ पभणेइ तत्थाउक्कस्स त्ति गाहाए मूलपयडीण सामियबंधे । उक्कोसगम्मि भण्णंति आउकम्मस्स पंच जणा तेय पुणो मिच्छअविस्य-देसविरयाइतिण्णिई पंच । पज्जत्ता सत्तुक्कडजोगे बंधति उक्कोसं जीवा पएसबंधं मिस्सो तह पुवकरणमाईया। नो बंधती आउं कइयावि हु तेण नो भणिया सासाणो पुण एवं बंधइ नवरं तु अप्पकालत्ता । जत्ताभावाउ तहाविहाउ अण्णा वि कुओ वा हेऊओ सासायणगुणस्स उक्कस्स जोगसंबंधो। न हवइ तत्तो उक्कसपएसबंधस्स उ अभावा सासायणो न होई सत्त उ ट्ठाणाणिमाणि मोहस्स। मिच्छप्पभिई अनियट्टिबायरंता उ नवट्ठाणा तं मज्झा दुइयतइयगुणठाणा मोत्तु सेसगा जे उ। सत्तट्ठाणा तत्थ ठियाओ सत्तवि जणा बंधं उक्कोसं पविहंती चउत्थकम्मस्स तह य सेसाणं । आइमदुतइयछसत्तअट्ठमाणं तु कम्माणं पयणुकसाओ सुहुमो उक्कसजोगम्मि वट्टमाणो उ। उक्कोसगबंधं संविहेइ सुहुमो हि मोहाउं
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