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पयईअ तणुकसायो दाणरओ सीलसंजमविहूणो। मज्झिमगुणेहि जुत्तो मणुयाउं बन्धए जीवो अणुवयमहव्वएहि य बालतवाकामनिज्जराए य । देवाउयं निबन्धइ सम्मद्दिट्टी उ जो जीवो मणवयणकायवंको माइल्लो गारवेहि पडिबद्धो । असुहं बन्धइ कम्मं तप्पडिवक्खेहि सुहनामं अरहन्ताइसु भत्ती सुत्तरुई पयणुमाण-गुणपेही । बन्धइ उच्चागोयं विवरीए बन्धए इयरं पाणवहाईसु रओ जिणपूआमोक्खमग्गविग्घकरो । अज्जेइ अन्तरायं न लहइ जेणिच्छियं लाभं बंधट्ठाणा चउरो तिण्णि य उदयस्स हुन्ति ठाणाणि । पंच य उदीरणाए संजोयमओ परं वुच्छं छसु ठाणगेसु सत्तट्टविहं बन्धन्ति तिसु य सत्तविहं । छविहमेगो तिण्णेगबन्धगाऽबन्धगो एगो सत्तट्टविहच्छ(विह) बन्धगावि वेएन्ति अट्ठगं नियमा। एगविह बन्धगा पुण चत्तारि व सत्त वेएन्ति मिच्छद्दिटिप्पभिई अट्ठ उदीरन्ति जा पमत्तो त्ति । अद्धावलियासेसे तहेव सत्तेवुदीरन्ति वेयणियाऊवज्जे छकम्म उदीरयन्ति चत्तारि । अद्धावलियासेसे सुहुमो उदीरेइ पञ्चेव वेयणियाउयमोहे वज्ज उदीरेन्ति दोणि पंचेव। अद्धावलियासेसे नामं गोयं च अकसाई उईरेइ नामगोए छक्कम्मविवज्जिया सजोगी य । वट्टन्तो य अजोगी न किञ्चि कम्मं उदीरेइ
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