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तित्थोदएण ण्हाणं कप्पूरेण च पुष्फअंजलिया । अट्ठारसमं पहाणं सुद्धघडद्भुत्तरसएणं सव्वविलेवणसूरी पुष्फाइं धूववासमयणफलं । सुरही पउमा पउमा अंजलिमुद्दाओ हत्थल्लेवो य अहिवासणमंतेणं कंकण तेणेव चक्कमुद्दाए। पंचंगफास पुण जिणआहवणं नंदपूया य सत्त सरावा चंदणचच्चियकलसा सतंतुणो चउरो। घयगुलदीवा चउरो चउकलसा नंदवत्तस्स सक्कत्थयअहिवासणसमए छाएहि माइसाडीए । सूरिमंताहिवासण-ण्हवणंजलि सत्तधण्णस्स पुंखणयकणयदाणं बलिलड्डयमाइ पुडिय आरतियं । चिइअहिवासण देवयथुइधारण सागयाईहिं
प्रतिष्ठाधिकारः संतिबलि चिइपइट्ठा उस्सग्गो थी य भायणं नित्ते । वण्णसिरि वास कण्णे मंतो सव्वंगफास चक्केणं दहिभंड मंत मुद्दा पुंखण पुष्पंजलीउ मंतेणं। भूयबलि लवणरत्तिय चिइ अक्खय धम्मकह महिमा तइय पण सत्तमदिणे जिणबलि भूयबलि वंदिउं देवे। कंकणमोयणहेउं पइट्ठ उस्सग्ग मंत नसे काउं.पूयविसग्गो नंदावत्तस्स कंकणच्छोडे। पंचपरमेट्ठिपुव्वं मंगलगाहाओ पढमाणो
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