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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [ २ ] और दोनों भाई उसके साथ दिल्ली में आकर मुसलमान हो गये । साढू का नाम वजीहुल्मुल्कर क्खा गया। जब सन् ७४७(संवत् १४०३) में मोहम्मद तुग़लक़ के पीछे फ़ोरोज़ खां बादशाह हुआ तो उसने वजीहुलमुल्क के बेटे ज़फ़रखाँ और शमशेर खाँ को अपने पीने की शराब रखने का काम दिया। फ़ोरोज़शाह के पोते सुलतान मोहम्मद तुग़लक ने सन् ७९३ (सं० १४४८ ) में ज़फ़र खाँ को गुजरात का सूबेदार करके भेजा। वह वहाँ ज़ोर पकड़कर सन् ८१० (सं० १४६४ ) में बादशाह बन बैठा और अपना नाम सुलतान मुजफफ़र रखकर तुग़लकों की गिरती हुई बादशाही में खुद मुखतार होगया । उस तारीख से इतने बादशाह गुजरात में हुए। १ सुलतान मुजफ्फ़र ... ८१० १४६४ २ अहमद शाह तातार खाँ का बेटा मुज़फ्फर ... ८१३ १४६७ का पोता ३ मोहम्मद शाह अहमदशाह का बेटा ८४६ १४९९ ४ कुतुबुद्दीन मोहम्मदशाह का बेटा ... ८५५ १५०८ ५ दाऊदशाह अहमदशाह का बेटा ८७३ १५२५ ६ महमूद बेगड़ा कुतुबुद्दीन का भाई .... ८७३ १५२५ ७ मुज़फ्फ़र शाह सुलतान महमूद गुजराती का बेटा ९१७ १५६८ ८ सिकंदर शाह मुज़फफ़र का बेटा ... ९३२ १५८२ ९ महमूद शाह मुजफफर शाह का बेटा ... ९४२ १५९२ १० बहादुर शाह मुजफ्फ़र शाह का बेटा ... ९४२ १५९२ ११ सुलतान महमूद लतीफ़ खाँ का बेटा मुज For Private and Personal Use Only
SR No.020950
Book TitleYavanraj Vanshavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeviprasad Kayastha
PublisherIndian Press Prayag
Publication Year
Total Pages43
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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