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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [ १३ ] सूबेदार मुल्क दबाते जाते थे। यूसुफ़ आदिलशाह भी बीजापुर और रायचूर वगैरा के परगने दबा बैठा। १ यूसुफ़ आदिलशाह ... ... ८९५ १५४७ २ इसमाईल आदिलशाह यूसुफ़ का बेटा .... ९१६ १५६७ ३ मल्लूआदिलशाह इसमाईलशाह का बेटा ... ९४१ १५९१ ४ इब्राहीम आदिलशाह इसमाईल का बेटा ... ९४१ १५९१ ५ अली आदिलशाह इब्राहीम का बेटा ... ९६५ १६१४ ६ इब्राहीम आदिलशाह दूसरा तुहमास्प का बेटा, पहिले इबराहोम का पोता ... ... ९८८ १६३७ ७ मोहम्मद आदिलशाह दूसरा ... ... १०२६ १६७४ ८ अली आदिलशाह दूसरा मोहम्मद शाह का बेटा ... ... १०६१ १७०७ ९ सिकंदर आदिलशाह इसको सन् १०९६ (सं० १७४२) में औरंगजेब ने कैद करके बीजापुर फ़तह कर लिया। अहमदनगर के बादशाह इनका मूल पुरुष तीमा भट नाम एक ब्राह्मण बीजानगर का रहने वाला था, जो अहमदशाह ब्राह्मणी की चढ़ाई में पकड़ा जाकर गुलाम बनाया गया और उसका हसन नाम रक्खा गया। वह शाहज़ादे मोहम्मद के साथ फ़ारसी पढ़कर शिकारी जानवरों का दारोगा होगया और मलिक हसन भरलो कहलाने लगा। क्योंकि उसके बाप का नाम भरलो था। फिर निज़ामुल्मुल्क बहरी खिताब For Private and Personal Use Only
SR No.020950
Book TitleYavanraj Vanshavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeviprasad Kayastha
PublisherIndian Press Prayag
Publication Year
Total Pages43
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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