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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नंबर नाम [ २ ] का देश तुर्की के हाथ में चला गया और महमूद के वंश में १४ बादशाह १६० वर्ष तक उस देश को भागते रहे । फिर गोर के बादशाहों का अमल हुआ। जयपाल को तवारीख फ़रिश्ता में ब्राह्मण और अजमेर के राजा का सम्बन्धी लिखा है। लाहौर के तुर्क बादशाह हिजरी विक्रम सन् संवत् १ सुलतान महमूद गज़नवी ४०४ १०७० २ सुलतान मुहम्मद महमूद का बेटा ४२१ १०८७ ३ सुलतान मसऊद महमूद का बेटा ४२१ १०८७. ४ अमीर मादूद सुलतान महमूद का बेटा ४३३ १०९८ ५ सुलतान मसऊद मोदूद का बेटा ४४१ ११०६ ६ अबुल अली मोदूद का बेटा ... ४४१ ११०६ ७ सुलतान अबदुल रशीद महमूद का बेटा ... ४४२ ११०७ ८ फळं खजाद मसऊद का बेटा ... ४४३ ११०८ ९ सुलतान इब्राहीम मसऊद का बेटा ४५० १११५ १० मसऊद इब्राहीम का बेटा ... ४८१ ११४५ ११ शेरजाद मसऊद का बेटा ... ५०८ ११७१ १२ अरसला खाँ मसऊद का बेटा ... ... ५०९ ११७२ १३ बहरामशाह मसऊद का बेटा ... ... ५१२ ११७५ यह मन् हर एक बादशाह के तख्त पर बैठने का मून ग्रंथ के अनुसार है और इसके बराबर जो विक्रम संवत् है वह पाठकों के सुभाते के लिए गणित करके रक्खा गया है। For Private and Personal Use Only
SR No.020950
Book TitleYavanraj Vanshavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeviprasad Kayastha
PublisherIndian Press Prayag
Publication Year
Total Pages43
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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