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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir यवनराजवंशावली अर्थात् भारतवर्षीय मुसलमान बादशाहों की वंशावली आदि का साल संवत् सहित वर्णन । हिन्दुस्तान में मुसलमान बादशाह । हिन्दुस्तान में मुसलमानों की चढ़ाई तो सन् ६६ हिजरी, विक्रम • संवत् ७४२ से ही अरब की तरफ़ सेहोने लगी थी और सिंध में कुछ वर्षों तक बगदाद के खलीफ़ों का अमल रहा था। फिर हिन्दुओं ने अरबों को सिंध से निकाल दिया। उसके कई सौ वर्ष पीछे मुसलमान तुर्को की दूसरी चढ़ाई कावुल की तरफ से पंजाब पर हुई और जब ही से मुसलमानों के राज की नीव हिन्दुस्तान में जमी । __पंजाब के हिन्दूराज्य की राजधानी लाहौर में थी, जिसकी अमलदारी की सीमा दक्षिण सरहिन्द के पास दिल्ली के राज्य से मिलती थी और सरहिन्द से लेकर उत्तर में लमगान तक, जो काबुल के पास है, और कश्मीर से मुलतान तक लाहौर राज्य की सीमा थी। ___ इष्टपाल, जयपाल और आनन्दपाल वहाँ के राजा गजनी के . तुर्क बादशाह नासिरउद्दीन सुबुकतगीन और उसके बेटे महमूद से लड़ते रहे और फिर उनके तावेदार हो गये थे। आनन्दपाल को बेटा जयपाल था, उससे महमूद ने लाहौर छीन लिया। तबसे पंजाब For Private and Personal Use Only
SR No.020950
Book TitleYavanraj Vanshavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeviprasad Kayastha
PublisherIndian Press Prayag
Publication Year
Total Pages43
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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