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पू८ ॥ खाली केंच एपे वना पुरुषरे ॥ प्राषैषा पिथकांमनारे ॥ पो ताना व निजे नारे | पापिते छांक रेव्यभिचाररे ॥ २७ ॥ तेह पायें जमदुत त्यांइरे ॥ नाखे छे बिर्य निन दिमांइरे ॥ मारी मुद्गरमस्तक मांये ३॥ पार्थिजीव नें विर्य त्यांपा ये रे ॥३० वे उब का तिखो कारी रे।। तो ये
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