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श्री
व्यवहारसूत्रम्
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गाथा
विषयः ............. सूत्र १६.......... अतिरिक्तपात्रग्रहणसामाचारी............................ १४०४ ३५७५.............
प्रमाणातिरेके न्यूने च दोषाः .......................... १४०५-०८ ३५८४-९०....... .. मात्रकानुज्ञाकारणानि.........
१४०८-१० ३५९१-९६...........
निष्कारणं मात्रकपरिभोगे दोषाः ........... १४१०-११ ३५९७-३६१६ ............ .......... पात्रग्रहणसामाचारी .......................... .......... १४११-१९ ३६१७-२५................. पात्रवितरणम् .......................
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.......... १४१९-२२ ३६२६-३४......................... ..सकारणनिष्कारणं एकाकीभवनम् ...................... १४२२-२५ ३६३५-४८............. .......... अवधावनस्वरुपम्..
.......... १४२५-२९ ३६४९-५९................ ..........उपधिहननविचारः ..................
.............. १४२९-३३ ...... सूत्र १७............ऊनोदरतादि:
..........१४३३ ३६६२-६७ ........................कवलसंख्या स्वरूपादिः............................... १४३४-३६ ३६६८-७० ........................ प्रकाम-निकामाहारदिः .................................... १४३६-३७ ३५७१-८२... ..........आहारप्रयोजनं सदृष्टान्तम् .... .........१४३७-४०
॥ अष्टम उद्देशः संपूर्णः ॥
भाग-५
विषयानुक्रम
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