________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir व्याख्याप्रबप्तिा // 1.58 // स्वतके | उपकार 5 // 15 ACAMANCHESTER एगयओ परमाणु० एगयओ असंखेजपएसिए भवति जाव अहवा एगयओ दसपएसिए एगयओ असंखिजपएसिए भवति अहवा एगयओ संखेजपएसिए बंधे एगयओ असंखेजपएसिए बंधे भवति अहवा दो भसंखेजपएसिया खंधा भवंति, तिहा कन्जमाणे एगपओ दो परमाणु० एगयओ अमखेज्वपएसिए भवति अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ दुपएसिए एगयओ असंखेजपएसिप भवति जाब अहवा पगयओ परमाणु० एगयओ दसपएसिए एगयओ असंखेजपएसिए भवति अहवा एगे परमाणु एगे संखेजपणसिए एगे असंखेनपासिए भवति अहवा एगे परमाणु यएगओ दो असंखेन्जपएसिया खंधा भवंति अहवा एगे दुपएसिए एगयओ दो असंखेजपएसिया भवंति एवं जाव अहवा एगे संखेजपएमिए भवति एगयओ दो असंखेजपएसिया बंधा भवंति अहवा तिनि असंखिजपएसिया भवंति, चउहा कज्जमाणे एगयओ तिन्नि परमाणु. पग. असंखेजपएसिए भवति एवं चउक्कगसंजोगो जाव दमगसंजोगो एए जहेव मंखेजपएसियस्स नवरं असंखेजग एग अहिगं भाणियन्वं जाच अहवा दस अमंखेजपएसिया बंधा भवंति, संखेजहा कज़माणे एगयओ संखेज्जा परमाणुपोग्गला एगयओ असंखेजपएसिए बंधे भवति अहवा एगयओ संखेना दुपएसिया बंधा एगयओ असंखेजपएसिए खंधे भवति एवं जाव अहवा गगयओ संखेना दसपासिया खंधा एगयओ असंखेजपएमिए खंधे भवति अहवा एगयओ संखिज्जा मंखिजपसिया बंधा एगयओ असंखिजपएएसि खंघे भवति अहवा संखेना असंखेजपएसिया खंधा भवंति, असंखिज्जहा कजमाणे असंखेजा परमाणुपोग्गला भवंति / For Private and Personal Use Only