________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir श्रीमद्गणधरवरसुधर्मस्वामिप्रणीता / // व्याख्याप्रज्ञप्तिः॥ // श्रीभगवतीसूत्रं भाग-४. // दिसके *उद्देशा | // 837 // (मूल सूत्र अने तेना गुजराती भाषान्तर सहित) (शतक 9.) उद्देशक 6. 1 . (त्रीजा भागनुं अनुसंधान चालु) तए णं से जमाली खत्तियकुमारे समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वुत्ते समाणे हद्वतुझे समणं भगवं महा-18 6 वीरं तिक्खुत्तो जाव नमंसित्ता तमेव चाउग्घंट आसरहं दुरूहेइ दुरूहित्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अं★ातियाओ बहुसालाओ चेइयाओ पडिनिखमइ पडिनिवमित्ता सकोरंटजाव धरिजमाणेणं महया भडचडगर For Private and Personal Use Only