________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shri Kalassagarsun Gyanmandir |११शव पेसीओ अट्ठ कोडागारीओ अह दवकारीओ अट्ठ उवस्थाणियाओ अट्ठ नाइडजाओ अट्ठ कोडुंबिणीओ अट्ठ महाग्याल्याणसिणीओ अट्ठभंडागारिणीओ अट्ठ अज्झाधारिणीओ अदु पुप्फाधारणीओ अट्ठ पाणिधारणीओ अट्ठ पलिकारीओ प्रवामिः अदुसेजाकारीओ अट्ट अभि तरियाओ पडिहारीओ अष्टु बाहिरियाओ पडिहारीओ अट्ठ मालाकारीओ अट्ठ पेस-18| उद्देशा११ // 1003 // रीओ अन्नं वा सुबहु हि- रन्नं वा सुदन्नं वा कसं वा दूसं वा विउलधणकणगजावसंतसारमावएनं अलाहि जाव १०.शा | आसत्तमाओ कुलवंमाओ पकामं दाउं पकामं भोत्तुं पकामं परिभाएउं / तए णं से महब्बले कुमारे एगमेगाए | भजाए गगमेग हिरनकोडैि दलपति पगमेगं सुचन्नकोडिं दलयति गगमेग मउडं मउडप्पवरं दलपति एवं ने चेव सव्वं जाव एगमेगं पेसण कारिं दलयति अन्न धा सुबहु हिरन वा जाच परिभाएउं, तए णं से महन्यले कुमारे उप्पि पासायवरगए जहा जमाली जाब विहरति / (मूत्र 430) // दासोमा उत्तम एवा आठ दासो, एज प्रमाणे दासीओ ए प्रमाणे किंकरो, प प्रमाणे कंचुकिओ, ए प्रमाणे वर्षघरो, (अंतःपुरना | रक्षक खोजाओ) ए प्रमाणे महत्तरको (वडाओ), आठ सोनाना, आठ रुपाना तथा आठ सोना-रुपाना अवलंबन दीपो [हांडीओ]] | आठ सोनाना, आठ रुपाना अने आठ सोना-रुपाना उत्कंचनदीपो [दंडयुक्त दीवाओ], ए प्रमाणे त्रणे जातना पंजरदीपो-फानसो, आठ सोनाना, आठ रुपाना अने आठ सोना-रुपाना थाळो, आठ सोनानी आठ रुपानी अने आठ सोना-रुपानी पात्रीओ, (नाना 4 पात्रो), ए प्रमाणे त्रणे जातना आठ स्थासको तासको, आठ मल्लको-चपणीया, आठ तलिका-रकेपीओ, आठ कलाचिका-चमचा, आठ तावेथाओ, आठ तवीश्रो, आठ पादपीठ-(पम मकवाना बाजोठ), आठ मिसिका-(अमुक प्रकारना आसनो), आठ करोटिका For Private and Personal Use Only