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(७) सांजीरे॥ चालो सदियां लूज्वपुररीजात श्रीरचिंता मणि पार्श्वपुजसांपुजसां रेमहाराराज ॥१॥पुजो देवा प्रथम जिणंद पार्श्व पुजसांजीरे। गुजो। अजित सजव जिननेटिया जायमुरे महाराज ॥२॥ परचाधारी अधिष्टायक अदि देव । पार्श्व॥ थानतणी तीहां थापना थिरथापना रे महाराराज ॥३॥ त्रिगडे सोहे श्रष्टापद महाराज। पार्श्व चत्तारीअठदश दोय बंद्या चोवीसजीरे महाराराज ॥ ४॥ कल्प वृक्ष फुले फले सहित ॥ पार्श्व जाली हे नत्र शिर सोडतो मन मोह तोरे महाराराज ॥५॥ सहस्रफणा श्री चिंता मणि महाराज॥पार्श्व॥श्यामवरणे प्रत्नजी सोदामणा रलियामणारे । महाराराज ॥६॥तोरण तणीदे. खो तजबीज ॥ पाश्व०॥ उपर प्रनूजी विराजिया दोनुबाजुरे महाराराज ॥७॥ पगथ्यां चमतां पातिकजाय। पार्श्व० ॥ चिंतामणि चिंताहरे वांवित फलेरे महाराराज ॥ ७॥ म साली भलथाहरू कुलनाण । पावा जिणो चैत्यकरावियो सुखपावियोरे महाराराज ॥ ए॥ शिखरबंधरथ अतिसोनाय । पार्श्वक। शेजेजे संघौकरावियो पधरावियोरे महा ॥१॥ नैरववीर हाजरखमा हजूर ॥पार्श्व ॥ समरे ज्यांरी
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