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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir परिशिष्ट नं०२] हिन्दीभाषाटीकासहित (७२५) शब्द पंक्ति शब्द पृष्ठ पंक्ति ७४८ ६२५ m m6 पंक्ति| शब्द १७/ पत्थ ३|पस्थिय १७/पंथकोट २० पंथकोट्ट ८पभणित २१२ १६६ ३६३ निरूह निवातिते निविण्ण निवेस निवेसिय निव्वत्त निव्वाघा निविण्ण निसियाव नीहरण नेह ३६७ १५६ २३ पभिइ ३६७ १७६ ani & ) - ॥ पभू पृष्ठ ११पडाग १.३ पडागातिपडाग ४३३ पडिकप्पित पडिक्कंत ८९ पडिगय २४ पडिजागरमाण २२ पडिनिक्खम ३२ २३/ पडिणियत्त ४६८ ५ पडिबंध १३ पडिबोहिय २३/पडियाइक्ख पडियार ६/पडिलाभ ६२५ १ पडिवज्ज ६/पडिबाल २५८ ८३ ४५५ ३३/पमज्ज ५७० १७ पमोद २५८ १४६ ४०६ पम्हल ६]पया पया प १३७ ४|पयाय ३६६ १०४ पयाया R " , ३७६ ६ पडिविसज्ज १५/पडिसुण ३ पडिसेह २१ पड्डिय ४। पढ़म १३७ CA દર २५१ पउर पयोयण ३३ पक्खार १२३ पक्खी पगडिज्जमारण पगलंत पंगल पञ्चक्ख पञ्चगुभव पञ्चगुव्यतिया ५७० पञ्चाया पंचिन्दिय पच्चुनर पच्छण पच्छा पच्छाव पज्ज ३५२ पज्जुवास पट्ट ३४२ पट्टय ५३० १७६ MuS पढ़ममल्ल पएणत्त पणतीस पणवीस पंडिय पंडुल्लइय परहवण पएहावागरण पयार |पयोग परसु परंमुह पराभव |परामुस परक्कम १७/परिक्खित्त ७ परिग्गहित १|परिचत्त ७परिछेज्ज परिजण • १/परिजाण १६ परिणय १२ परिणाम ३ परितंत १० परीत्तीकत ४ परिपेरन्त १४६ ४७६ k mr 60mm x 6 १८० १६६ ३६५ ४६६ ६२५ २१२ पड For Private And Personal
SR No.020898
Book TitleVipak Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmuni, Hemchandra Maharaj
PublisherJain Shastramala Karyalay
Publication Year1954
Total Pages829
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_vipakshrut
File Size20 MB
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